रायपुर/स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आज लिंग भेद एवं अवैध गर्भपात के विरूद्ध काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के प्रतिनिधियों से चर्चा की। स्वास्थ्य मंत्री ने रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन और राज्य में महिला-पुरूष अनुपात बेहतर करने गैर-सरकारी संगठनों से फीडबैक लेकर सुझाव मांगे। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त डॉ. सी.आऱ. प्रसन्ना, स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदिपान, पीसीपीएनडीटी एक्ट के संयुक्त संचालक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव और स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डॉ. महेन्द्र सिंह भी बैठक में शामिल हुए।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बैठक में सुझाव दिया कि महिला-पुरूष असमानता को दूर करने और अच्छा लिंगानुपात बनाए रखने के लिए जागरूक करने हाईस्कूलों एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में बच्चों के बीच इनसे जुड़े विषयों पर वाद-विवाद, भाषण और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि महिला आयोग द्वारा इन मुद्दों पर जागरूकता के लिए जागरूकता रथ के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए युवाओं को सेंसिटाइज (Sensitise) करने की जरूरत है। इस एक्ट के बारे में जागरूक करने, राज्य में बेहतर लिंगानुपात बनाए रखने और अवैध गर्भपात को रोकने के संबंध में सोशल मीडिया पर भी पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।
पीसीपीएनडीटी एक्ट के संयुक्त संचालक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने राज्य पर्यवेक्षक मंडल की बैठक में बताया कि राज्य के 14 जिलों के 56 सोनोग्राफी सेंटर्स का राज्य स्तरीय निरीक्षण दल द्वारा निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण के दौरान एक्ट का उल्लंघन पाए जाने पर 14 सेंटर्स को नोटिस जारी कर दो को सील किए जाने और एक केंद्र के निलंबन की अनुशंसा की गई है। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर गठित निरीक्षण दलों द्वारा 853 केंद्रों का निरीक्षण कर एक्ट का उल्लंघन करने वाले 23 सेंटर्स के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। जिला स्तरीय दलों द्वारा 16 सेंटर्स को नोटिस जारी करने, पांच सेंटर्स को सील करने और दो सेंटर्स के निलंबन की कार्रवाई की गई है। बैठक में गैर-सरकारी संगठन अनमोल फाउंडेशन, सहभागी, प्रदान, समर्थन और अर्पण के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव रखे।