पाकिस्तान से लिंक बनाकर लगाई करोड़ों की चपत, सात अंतर्राज्यीय आरोपी गिरफ्तार मामला केबीसी में निकले ईनाम के नाम पर महिला से डेढ़ लाख की ठगी व खुदकुशी से जुड़ा


अंबिकापुर। केबीसी के नाम पर 25 लाख रुपये के ईनाम का झांसा देकर ठगी व आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में साइबर सेल व सरगुजा पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए सात अंतर्राज्यीय आरोपियों को अलग-अलग स्थानों से दबिश देकर गिरफ्तार किया है, जिनके तार पाकिस्तान एवं नेपाल में बैठे अंतर्राष्ट्रीय अपराधियों से जुड़े हैं। रोजाना लाखों का कारोबार करने वाले इन मास्टरमाइंड ठगों का जाल पूरे भारत में फैला हुआ है। मुख्य आरोपियों ने शिक्षा तो कक्षा 12वीं तक ली है, लेकिन पल भर में ये केबीसी के नाम पर लाखों के ईनाम की प्राप्ति का झांसा देकर उनके मेहनत की कमाई को बताए हुए खातों में ट्रांसफर करा लेते थे। आरोपियों के पास से पुलिस को घटना में प्रयुक्त 11 मोबाइल, 14 नग सिम, 02 बैंक पास बुक, 17 एटीएम एवं 11 हजार रुपये नगद बरामद करने में सफलता मिली है। पुलिस टेरर फंडिंग सहित मनी लान्ड्रिंग व क्रिप्टोकरेंसी में पैसे इन्वेस्ट किए जाने के बारे में सामने आए तथ्यों की भी अग्रिम जांच कर रही है, इसमें करोड़ों रुपये लेन-देन की आशंका है। पुलिस अलग-अलग राज्यों में पाकिस्तानी आकाओं के एजेंट की तरह काम करने वालों पर भी नकेल कसने की तैयारी में है। पुलिस ठगी के आरोपियों की मांद को नष्ट करने सेंट्रल एजेंसी से संपर्क करेगी और मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई करेगी। संपूर्ण कार्रवाई में साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक कलीम खान, थाना प्रभारी सीतापुर उप निरीक्षक शिशिरकान्त सिंह, उप निरीक्षक अनिल सोनवानी, प्रधान आरक्षक सुधीर सिंह, आरक्षक पंकज देवांगन, आलोक गुप्ता, सत्येंद्र दुबे, संजीव चौबे, कुंदन सिंह, राहुल सिंह, रमेश प्रसाद, सुयश पैकरा, विकास मिश्रा शामिल रहे।
शिवेंद्र को टॉकीज से गिरफ्तार की पुलिस
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला ने बताया कि महिला को खुदकुशी की राह में पहुंचाने वाले मुख्य आरोपियों को जब इस बात की जानकारी मिली कि छत्तीसगढ़ पुलिस उनके तलाश में गांव तक पहुंच सकती है, तो शिवेंद्र अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर दिया। ऐसे में पुलिस को उसका लोकेशन हासिल करने में परेशानी का सामना करना पड़ा। विवेचना के अंतिम तह तक पहुंच चुकी पुलिस को इस बीच पता चला कि आरोपी शिवेंद्र कुमार अपनी गर्लफ्रेंड के साथ पिक्चर देखने गया है। इस मौके को पुलिस ने नहीं गंवाया और हर सिनेमाघरों में अपनी फिल्डिंग लगाकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। मुख्य आरोपियों ने पुलिस के आने की भनक लगने पर मोबाइल से कई डाटा डिलीट कर दिए हैं, जिसकी जांच साइबर फोरेंसिक से कराई जाएगी।
महिला द्वारा खुदकुशी का यह है मामला
घटना दिनांक 23 मार्च 2023 को विक्रम सिंह पैकरा निवासी लिचिरमा ने सीतापुर थाने में आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि सेववती पैकरा नदी में पुलिया से कूदकर खुदकुशी कर ली है। मामले मे मर्ग कायम कर पुलिस जांच में जुटी, तो सामने आया कि मृतिका के मोबाइल नंबर पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा फोन कर केबीसी के माध्यम से 25 लाख रुपये ईनाम जीतने का झांसा दिया गया और उससे एक लाख 50 हजार रुपये की ठगी कर ली। ईनाम की राशि जब उसे नहीं मिली और रुपये की मांग ठग करते रहे, तो मृतिका सेववती पैकरा को ठगी का एहसास हुआ तो वह मानसिक रूप से परेशान हो गई और मांड नदी की पुलिया से कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मर्ग जांच के बाद मामले में धारा 420, 306 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर लिया था। मामला गंभीर होने के कारण इसे आईजी सरगुजा रेंज राम गोपाल गर्ग ने संज्ञान में लिया, उनके मार्गदर्शन व पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता के निर्देशन में विशेष टीम का गठन कर ठगी की घटना कारित कर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वालों की गिरफ्तारी के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला, नगर पुलिस अधीक्षक स्मृतिक राजनाला, प्रशिक्षु आईपीएस चिराग जैन, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सीतापुर ध्रुवेश जायसवाल, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अखिलेश कौशिक के नेतृत्व में विशेष पुलिस टीम आरोपियों के ठिकाने की पतासाजी के प्रयास में जुट गई। पुलिस की चल रही आरोपियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया के बीच कुछ आरोपियों का मोबाइल बंद होने के कारण इनका लोकेशन प्राप्त करने पुलिस टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस कार्रवाई की भनक लगते ही कुछ अपना ठिकाना बदलकर रह रहे थे।
विवेचना में सामने आए ये तथ्य
पुलिस ने विवेचना, कार्रवाई के बीच मृतिका से जिन अज्ञात व्यक्तियों ने बातचीत किया था, उनके फोन नंबर एवं व्हाट्सअप नंबर की जानकारी हासिल करने पर संबंधित मोबाइल नंबर का आईपी एड्रेस पकिस्तान होना पाया गया। वहीं ठगी की रकम से जिन-जिन खातों में ट्रांसजेक्शन हुआ था, उन संबंधित खाताधारकों का केवाईसी डिटेल व पंजीकृत मोबाइल नंबर साइबर सेल एवं विशेष पुलिस टीम खंगालते अग्रिम जांच की तो सामने आया कि जिन खातों में रुपये ट्रांजेक्शन हुआ था, उसके अधिकांश खाता धारक पूर्णिया, कटिहार, आरा के हैं। इन खातों से अलग-अलग खातों में रुपये भेजना सामने आया। इसी क्रम में अंतिम आहरण पूर्णिया बिहार एवं अन्य कुछ जगहों से होना पाया गया। जिन खातों से अधिकतम ट्रांजेक्शन हुआ हैं। साइबर सेल एवं विशेष पुलिस टीम पूर्णिया, कटिहार, आरा, पश्चिमी चम्पारण पहुंचकर मामले में शामिल संदेहियों को घेराबंदी कर गिरफ्त में लेना शुरू की तो आशीष कुमार मंडल निवासी कटिहार, शाहिद आलम निवासी पूर्णिया बिहार, शिवेंद्र कुमार निवासी कटिहार, चक्रवर्ती आनंद निवासी पूर्णिया, प्रदुमन कुमार सिंह निवासी आरा बिहार, वलिउल्लाह रियाज निवासी चम्पारण, मनीष मंडल निवासी कटिहार बिहार हाथ लगे। पूछताछ करने पर इन्होंने ठगी एवं आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की घटना में शामिल होना स्वीकार किया। आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायिक रिमांड पर भेजा है।
आरोपियों का पाकिस्तान से कनेक्शन
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों के द्वारा भारत में रहकर कुछ निचले तबके के लोगों का खाता खुलवा कर उन्हें कमीशन बतौर छोटी रकम दी जाती थी और उनके खाते से ठगी की रकम का लेन-देन स्वयं किया जाता था। आरोपी पकिस्तान के एजेंट के संपर्क में रहकर ठगी के पैसे से अपना कमीशन प्राप्त करते थे और पाकिस्तानी एजेंट द्वारा बताए गए खातों में पैसे भेज देते थे। गिरफ्त में आए एक आरोपी ने बताया बाइनेंस नामक क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज में पाकिस्तानी आकाओं के कहने पर वह पैसे निवेश किया है। बता दें कि पूर्व में भी ठगी के मामले सामने आए थे, जिनमें पाकिस्तान की आईपी से संचालित व्हाट्सअप कॉल कर ठगी की घटना कारित किया गया था। पुलिस टेरर फंडिंग सहित मनी लान्ड्रिंग की अग्रिम जांच कर रही है। मामले में अन्य राज्यों के ठगों के शामिल होने की संभावना है, जिनके तार बाहरी मुल्क के आकाओं से जुड़े हो सकते हैं।
मुख्य आरोपियों की 40 से 50 लाख कमाई
पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया मिशन तस्दीक में सामने आया कि गिरफ्त में आए आरोपियों में से मुख्य आरोपी वलिउआल रियाज, शिवेन्द्र कुमार व मो. शाहिद आलम रोजाना ठगी करके चार से पांच लाख रुपये का विभिन्न खातों में ट्रांजेक्शन करते थे। इनका प्रतिमाह का आय 40 से 50 रुपये होना सामने आया है। इनके द्वारा लेयर में खाते का संचालन किया जा रहा था, छोटे बैंक खाते में एक से दो-तीन लाख रुपये का लेन-देन इनके द्वारा किया जाता था। मुख्य आरोपियों के द्वारा जिनके नाम पर खाता खुलवाकर रुपये का लेनदेन किया जाता था, उन्हें कमीशन बतौर निश्चित रकम दी जाती थी।
ऐसे देते हैं अपराध को अंजाम
आरोपियों द्वारा भोले-भाले लोगों को केबीसी में ईनाम के रूप में बड़ी रकम जीतने का झांसा देकर अपने जाल में फंसाते और ईनाम की राशि प्राप्त करने के लिए प्रोसेसिंग फीस एवं जीएसटी के नाम पर ठगी करना शुरू करते थे। उक्त राशि विभिन्न खातों मे डलवाने के बाद सामने वाले को विश्वास में लेने के लिए फर्जी विज्ञापन एवं लॉटरी का प्रारूप पत्र भेजकर घटना कारित करते थे। लॉटरी में दिए गए संपर्क नंबर अधिकतर व्हाट्सएप्प के होते हैं, जिनसे कॉल करके ये फर्जी ईनाम की सूचना देते थे। पुलिस अधीक्षक ने बताया एकमुश्त अधिक रकम हाथ लगने की स्थिति में कुछ लोगों के चुप्पी साध लेने जैसे मामले भी सामने आए हैं।
पुलिस अधीक्षक ने कराया आगाह
पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने कहा है कि ऐसे मोबाइल नंबर जिनका कोड 91 से स्टार्ट नहीं होता हैं, ऐसे नंबरों पर कॉल या व्हाट्सएप्प कॉल के माध्यम से ठगी की जा सकती है, ऐसे नंबरों से सावधान रहने व ऐसे नंबरों की सूचना निकटवर्ती पुलिस स्टेशन या साइबर सेल को देने का आग्रह किया गया है। पुलिस अधीक्षक ने फर्जी ईनाम के लालच में नहीं आने आगाह कराते हुए कहा गया है कि केबीसी द्वारा इस प्रकार ईनाम की राशी नहीं दी जाती है।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी
0 मनमोहन उर्फ मनीष मंडल पिता रामनारायण मंडल, 22 वर्ष निवासी गोपालपट्टी वार्ड नं. 11 थाना फलका जिला कटिहार बिहार।
0 प्रदुमन कुमार सिंह पिता कपिल देव सिंह 22 वर्ष, निवासी नोनौर वार्ड नंबर 11 थाना सहार जिला भोजपुर आरा बिहार।
0 चक्रवर्ती आनंद पिता संजीव कुमार मंडल 23 वर्ष, निवासी घरगद्दी घाट थाना रूपौली जिला पूर्णिया बिहार।
0 वलिउआल रियाज पिता रियाज अहमद 27 वर्ष, निवासी जोकटिया थाना मझौलिया जिला पश्चिमी चम्पारण बिहार।
0 शिवेन्द्र कुमार पिता विजय ठाकुर 23 वर्ष, निवासी कोठिया थाना फलका जिला कटिहार बिहार।
0 आशीष कुमार मंडल पिता राजेश मंडल 21 वर्ष, निवासी गोपालपट्टी थाना फलका जिला कटिहार बिहार।
0 मो. शाहिद आलम पिता मो. इरशाद आलम 24 वर्ष, निवासी बरहरा वार्ड नंबर 03 थाना बरहारा कोठी जिला पूर्णिया बिहार।

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