देवेंद्र फडणवीस का सियासी सफर रहा बेदाग, 47 साल की उम्र में बने थे महाराजा के सीएम

महाराजा के मुख्‍यमंत्री हैं देवेंद्र फड़नवीस।

महाराजा के मुख्‍यमंत्री हैं देवेंद्र फड़नवीस।

विदर्भ से महाराष्ट्र (महाराष्ट्र) की राजनीति में मुकाम हासिल करने वाले देवेंद्र फड़नवीस (देवेंद्र फड़नवीस) नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।

नई दिलवाली देवेंद्र फड़नवीस (देवेंद्र फड़नवीस), वह नाम जो महाराष्ट्र (महाराष्ट्र) की राजनीति में बीजेपी (भाजपा) का उगता हुआ सूरज है और जिसने कम समय में ही अपनी सियासत को बेदाग और चमकदार बनाने का काम किया है। मुख्यमंत्री काल के पांच साल पूरा करने के बाद देवेंद्र फडणवीस वापसी को लेकर पक्का भरोसा रखते हैं। इस भरोसे के पीछे दरअसल एक कड़ी मेहनत का सफर छिपा हुआ है।

47 साल की उम्र में सीएम बने

फडणवीस की कड़ी परीक्षा का दौर उसी दिन से शुरू हो गया था जब वह महाराष्ट्र की सत्ता में मराठा दावेदारों के बीच ब्राह्मण वर्ग का प्रतिनिधित्व लेकर शीर्ष में पहुंच गए थे। वर्ष 2014 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव बीजेपी भारी बहुमत से जीती। जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस के नाम का ऐलान सबसे बड़ा सरप्राइज़ था। केवल 47 साल की उम्र में ही देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल हो गया। उनसे पहले केवल एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ही ऐसी शख्सियत रहे हैं जो कि कम उम्र में सीएम बने।

बेदग रही सियासी यात्रादेवेंद्र फड़नवीस पर पार्टी के प्रजोर भरोसे की एकमात्र वजह उनकी बेदाग और युवा जोश से भरी सियासी यात्रा रही। संघ से जुड़ाव विरासत में मिला जिन्होंने उन्हें बेहद ही अनुशासनप्रिय बनाया और संघ की दीक्षा उनके सियासी जीवन में संजीवनी साबित हुई। लेकिन सीएम पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से पहले वे राज्य के बीजेपी अध्यक्ष की जिम्मेदारी के रूप में अनुभव हासिल कर चुके थे। उन्हें स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे का करीबी माना जाता था और उनके ही समर्थन से ये मुकाम मिल गया था। गोपीनाथ मुंडे के असामयिक निधन के बाद उस खालीपन को देवेंद्र फडणवीस ने भरने का काम किया और अपने राजनीतिक कौशल से विरोधियों को दुखने में कामयाब हुए। जिसके बाद उनके सीएम बनने की राह पीएम मोदी की स्वीकारोक्ति से तय हो गई।

पाँच साल में चुनौतियों का सामना करना पड़ा

राज्य के सबसे युवा सीएम बने देवेंद्र ने लोकसभा चुनाव से पहले ही मराठा आरक्षण कार्ड खेला था। देवेंद्र फणडवीस के सामने बड़ी चुनौती यह थी कि कार्ड के कारण पिछड़ों का आरक्षण कहीं से भी प्रभावित हो सकता है। उन्होंने पिछड़े वर्ग के कोटे को बिना छेड़े अगड़े वर्ग को साधने का काम किया। अगड़ों को बीजेपी का कोर वेटर माना जाता है।

बड़े फैसले भी लिए

पिछले साल मराठाओं ने आरक्षण को लेकर हिंसक आंदोलन भी किया था। जिसके बाद राज्य के 30 प्रतिशत मराठाओं को लुभाने के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 16 प्रतिशत आरक्षण देने का बिल पारित कर दिया गया। देवेंद्र फडणवीस का ये बड़ा सियासी दांव था। इसके अलावा देवेंद्र फड़नवीस महाराष्ट्र के विकास का एजेंडा के बारे में चल रहे हैं। उन्होंने राज्य को सूखा मुक्त करने के लिए सिंचाई की व्यवस्था पर जोर दिया। जलयुक्त शादर की वजह से मौजूदा साल में सूखे में गिरावट देखी जा रही है। इसके अलावा पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने महानगरों में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया। देवेंद्र फडणवीस सरकार के कार्यकाल में छगन भुजबल की गिरफ्तारी से बड़ा संदेश भेजने की कोशिश की। लेकिन किसानों के मोर्चे पर फडणवीस सरकार का कर्जाive न करने वाला फैसला गैर सियासी लगता है।

1999 में नागपुर से विधायक बने

देवेंद्र गंगाधरराव फदनवीस का जन्म 22 जुलाई 1970 को नागपुर के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनके पिता गंगाधर राव आरएसएस और जनसंघ से जुड़े हुए थे। वे महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य भी थे। पिता से मिली राजनीतिक विरासत और सियासी अनुभव का देवेंद्र को फायदा मिला। वो कॉलेज की पढ़ाई के दौरान एबीवीपी यानी अखिल भारतीय छात्र परिषद से जुड़ गए। इसके अलावा नागपुर में संघ की शाखा से भी जुड़े हुए हैं। 21 साल की उम्र में देवेंद्र फड़नवीस नागपुर के नगर निगम के नगरसेवक नियुक्त किए गए। वर्ष 1997 में केवल 27 वर्ष की आयु में वे मेयर बने और वर्ष 1997 से 2001 तक महापौर रहे। वर्ष 1999 में वे नागपुर से विधायक बने तो वर्ष 2001 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में देवेंद्र फड़नवीस नागपुर के दक्षिण पश्चिम से विधायक बने।

नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे

देवेंद्र ला सेुई हैं और उन्होंने किया किया है। वर्ष 2006 में उन्होंने अमृता रानाडे से शादी की। ये दोनों की एक बेटी है, जिसका नाम दिविजा फडनवीस है। अमृता रानाडे एक गैर सियासी परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उनके माता-पिता नागपुर में डॉ। हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने साल 2019 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों का आगाज़ अमरावती से जन आदेश यात्रा के साथ किया। तकरीबन साढ़े चार हज़ार किमी की यात्रा के दौरान देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के तकरीबन हर इलाके, गांव और जनपद में लोगों से मिले। विदर्भ से महाराष्ट्र की राजनीति में मुकाम हासिल करने वाले देवेंद्र फडणवीस नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।

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