ग्लॉकोमा के मिले 80 मरीज, छिन जाती है आंखों की रोशनी जिले के समस्त विकासखंडों में मनाया गया विश्व ग्लॉकोमा जागरूकता सप्ताह


अंबिकापुर। शासन के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सरगुजा डॉ.पीएस सिसोदिया के मार्गदर्शन में समस्त विकासखंड में 12 से 18 मार्च तक विश्व ग्लॉकोमा जागरूकता सप्ताह मनाया गया। इस दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं हैल्थ वैल्थ वेलनेश सेंटर एवं मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में नि:शुल्क आंखों की जांच, लोगों के बीच जागरूकता जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 40 वर्ष से अधिक उम्र के 2190 लोगों की जांच की गई, जिसमें से 13 संभावित मरीज मिले। इनका मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में इलाज किया गया। 336 लोगों को चश्मा वितरित किया गया। बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता लाने आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों एवं पंचायतों में चौपाल लगाया व संगोष्ठी भी आयोजित की गई। 18 मार्च को समापन समारोह मितानिन दीदियों के बीच पंचायत भवन खैरबार में किया गया। इस दौरान नेत्र रोग विभाग के नोडल अधिकारी डॉ.रजत टोप्पो ने बताया कि यहां 80 लोगों को ग्लॉकोमा, काला मोतिया (काचियाबिंद) मिले हैं। यह आंखों की गंभीर बीमारी है, जो कई बार आंखों की रोशनी छीन लेती है। कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल पर काम करते समय हमारी आंखों पर बहुत दबाव पड़ता है। हम इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। आंखों से संबंधित परेशानियों को अनदेखी, लापरवाही धीरे-धीरे ग्लॉकोमा जैसी गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है। जेल अधीक्षक बीआर खाण्डे अपर कलेक्टर व ममता पटेल जेलर के मार्गदर्शन में बीते 17 मार्च को डॉ.रजत टोप्पो की टीम से डॉ. दीपा, रमेश घृतकर, राकेश दुबे व अमित नामित द्वारा कंेद्रीय जेल अंबिकापुर में भी बंदियों के बीच संगोष्ठी व नेत्र परीक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया, जहां 213 बंदियों का जांच किया गया, यहां 158 लोगों को चश्मा प्रदाय किया जाएगा। 61 मोतियाबिंद मरीजों का डॉ.रजत टोप्पो एवं डॉ.संतोष एक्का द्वारा सफल ऑपरेशन कर उन्हें रोशनी दी गई। इस दौरान पीजी जेआर डॉ.डोमन साहू, सीसीसी अब्राहम, आरके घृलकर नेत्र सहायक अधिकारी की सक्रिय भूमिका रही।

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