करजी में 59.35 लाख की लागत से बन रहा स्टेडियम, निर्माण एजेंसी का पता नहीं, किसके कहने पर और क्यों हो रहा किसी को कोई जानकारी नहीं

अंबिकापुर। मुख्यमंत्री के द्वारा भेंट-मुलाकात के दौरान जगह-जगह विभिन्न निर्माण कार्यों की जरूरत के अनुरूप घोषणा की गई, लेकिन लाखों रुपये की स्वीकृति के बाद इन कार्यों में कितना खर्च किया जा रहा है, यह संभाग मुख्यालय के अंबिकापुर विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत करजी में देखा जा सकता है। यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट मुलाकात के दौरान स्टेडियम निर्माण के लिए 59 लाख 35 हजार रुपये अन्य मद से जारी किए थे। घोषणा के अनुरूप राशि मिलने के बाद भारी वित्तीय अनियमितता का टारगेट बनाकर निम्न स्तर के निर्माण कार्य की खानापूर्ति की जाने लगी। निर्माण स्थल पर न कोई सूचना पटल लगाया गया और ना ही ऐसी कोई जानकारी सार्वजनिक की गई है, जिससे ग्रामहित में हो रहे कार्य से गांव के लोग अवगत हों। ऐसे में कहा जाए तो मुख्यमंत्री के द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप चल रहे कार्य को कमाई का जरिया बना दिया गया है। इन हालातों के बीच कैसे लोगों को पता चल पाएगा कि भेंट-मुलाकात में पहुंचे मुख्यमंत्री की घोषणा को साकार किया जा रहा है। हैरत की बात यह है कि इस कार्य को कराने वाली निर्माण एजेंसी कौन है, इसका अता-पता ही नहीं है। पंचायत सचिव निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को बता रहे हैं, वहीं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग निर्माण एजेंसी होने की बात को नकार रहा है। ऐसे में शासन के लाखों रुपये के बंदरबांट की नीयत कौन बनाकर रखा है, इसका पर्दाफास काफी विभागीय पत्राचार के बाद भी नहीं हो पाया है।

आरटीआई कार्यकर्ता ने कलेक्टर को सौंपा पत्र
आरटीआई कार्यकर्ता एएन पांडेय ने बताया कि करजी में चल रहे अनियमितता से लबरेज निर्माण कार्य के बारे में जब उन्होंने ग्रामीणों से पूछताछ की, तो उक्त निर्माण के संबंध में वे अनभिज्ञ रहे। वहीं ग्राम पंचायत करजी के सचिव ने बताया कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग इस निर्माण कार्य की एजेंसी है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के जिम्मेदारों से पूछने पर उन्होंने निर्माण एजेंसी होने से इंकार कर दिया। इनके पल्ला झाडऩे पर अंतत: एएन पांडेय ने 22 नवंबर को कलेक्टर सरगुजा के जनदर्शन में शिकायत देकर उक्त संदिग्ध निर्माण कार्य का पर्दाफाश करने का निवेदन किया, जिस पर कलेक्टर ने जिला पंचायत के सीईओ को आवेदन देकर पत्र क्रमांक 6277 से कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग अंबिकापुर से, तीन दिवस के अंदर जांच व कार्रवाई रिपोर्ट मांगा था। तदनुसार कार्यपालन अभियंता ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अंबिकापुर से, पत्र क्रमांक 712 दिनांक 26.12.2022, पत्र क्रमांक 08 दिनांक 04.01.2023 एवं पत्र क्रमांक 96 दिनांक 27.01.2023 लिखकर तत्संबंध में जानकारी मांगी लेकिन जनपद के सीईओ ने कोई जवाब नहीं दिया। इस बीच एएन पांडेय ने ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत से उक्त निर्माण कार्य के कार्य एजेंसी एवं कार्य में व्यय की गई राशि की मांग सूचना का अधिकार के तहत की और प्रथम व द्वितीय अपील किया, किंतु आज दिनांक तक कोई जानकारी प्रदाय नहीं की गई।
सरकार की उपलब्धियों के बीच घोषणाओं पर डाल रहे पर्दा
जहां एक ओर छत्तीसगढ़ प्रदेश में सरकार के कार्यों व उपलब्धियों को गिनाया जा रहा है, वहीं मुख्यमंत्री के भेंट-मुलाकात दौरान की गई घोषणा व योजना को संभाग में छुपाया जा रहा है। ऐसे में प्रश्न उठना लाजिमी है आखिर क्यों गुपचुप तरीके से स्टेडियम निर्माण की खानापूर्ति की जा रही है। एएन पांडेय का कहना है विश्वस्त सूत्रों की मानें तो उक्त निर्माण के लिए दी गई राशि में से 80 प्रतिशत से अधिक रकम जनपद पंचायत के सीईओ और संबंधित इंजीनियर (उपयंत्री) द्वारा आपसी सांठ-गांठ कर विधि-विरुद्ध तरीके से व्यक्तिगत आहरण कर लिया गया है, जबकि निर्माण की राशि का भुगतान निर्माण एजेंसी या सप्लायर को ही किया जा सकता है। मुख्यमंत्री की घोषणा, योजना को छुपाने और बगैर निर्माण एजेंसी के निर्माण कराने के पीछे क्या राज है, वित्तीय अनियमितता कौन करने में लगा है, इसके विरुद्ध एएन पांडेय ने 20 मार्च को पुन: कमिश्नर के अलावा जिला कलेक्टर, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं पंचायत सचिव को पत्र लिखकर जानकारी दी है और कार्रवाई की मांग की है।

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