आदमपुर में अपराजेय हैं और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भगतलाल के बेटे कुलदीप बिशनोई | हिसार – समाचार हिंदी में

आदमपुर में अपराजेय हैं और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भगतलाल के बेटे कुलदीप बिशनोई हैं

3 बार विधायक और 2 बार सांसद रह चुके हैं कुलदीप बिशनोई

आदमपुर सीट से कुलदीप विश्नोई 3 बार विधायक रह चुके हैं

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  • आखरी अपडेट:
    20 अक्टूबर, 2019, 4:11 अपराह्न आईएसटी

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई हरियाणा की राजनीति में कद्दावर चेहरा है। कुलदीप बिशनोई आदमपुर से कांग्रेस के मौजूदा विधायक हैं। हालांकि कांग्रेस के साथ उनका संबंध कभी हां-कभी ना का रहा है। कुलदीप पहले कांग्रेस में हुआ करते थे। लेकिन साल 2007 में उन्होंने हरियाणा जनहित कांग्रेस-भजनलाल नाम की पार्टी बना ली। दरअसल, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ बयानबाजी के कारण कुलदीप पर गंभीर कार्रवाई हुई और उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया। जिस कारण से कुलदीप बिशनोई ने अपनी नई पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस बना ली। लेकिन हजकां का सियासी फायदा उन्हें मिल नहीं सका। परिणत वो अपनी पार्टी के साथ दोबारा कांग्रेस की कश्ती पर सवार हो गए।

वर्ष 2014 में उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन किया और हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ा। लेकिन चुनाव में उनकी दुष्यंत चौटाला के हाथों हार गई थी। इस हार के बाद उनकी राजनीतिक पार्टी के वक़्त पर सवाल उठे। 2016 के बाद कांग्रेस में तत्कालीन उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर उन्होंने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया।

आदमपुर पर परिवार का 52 साल से कब्जा

कुलदीप बिशनोई आदमपुर से विधायक हैं। आदमपुर मातालाल परिवार का गढ़ रहा है। आदमपुर सीट से पन्नालाल का परिवार 1968 से कभी चुनाव नहीं हारा। अबतक 12 विधानसभा चुनावों में 11 बार भगतलाल का परिवार चुनाव जीता है। आदमपुर सीट से कुलदीप विश्नोई 3 बार विधायक बने रहे ।सल 1998 में कुलदीप बिशनोई पहली दफे आदमपुर सीट से विधायक बने। जबकि भिवानी और हिसार से वो सांसद का चुनाव भी जीत चुके हैं। अपने पिता भजनलाल की ही तरह वे दो जगह से सांसद बन चुके हैं। भजनलाल वर्ष 1989 में फरीदाबाद और 1998 में करनाल से सांसद रहे। जबकि कुलदीप विश्नोई ने वर्ष 2004 में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के पुत्र को भिवानी लोक सीट पर टिकट दिया था। वर्ष 2011 में भजनलाल के निधन के बाद हिसारसरी सीट पर हुए उपचुनाव में कुलदीप बिशनोई ने इनेलो को उम्मीदवार अजय सिंह चौटाला को चुना।

कांग्रेस के खिलाफ बनाया गया था

हरियाणा जनहित कांग्रेस बनाने के बाद उनकी पार्टी ने साल 2009 के विधानसभा चुनावों में राज्य की सभी 89 सीटों पर चुनाव लड़ा और 6 सीटों पर जीत हासिल की। लेकिन सभी विधायक कांग्रेस में चले गए। जिसके बाद कुलदीप विश्नोई ने कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने सभी 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया।

कुलदीप विश्नोई का जन्म 1968 में हिसार में हुआ। नाराज के हनुमानगढ़ में जन्मी रेणुका विश्नोई से उनकी शादी हुई। उनके तीन बच्चे हैं। भव्य, चैतन्य और सिया विश्नोई। भव्य राजनीति में उतर चुके हैं जबकि चैतन्य आईपीएल में खेल चुके हैं। रेणुका यसी से विधायक हैं। भव्य वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव हार चुके हैं।

कुलदीप के कंधों पर इस बार न सिर्फ अपने पारिवारिक गढ़ को बचाने की जिम्मेदारी है बल्कि कांग्रेस का प्रदर्शन सुधारने की भी उम्मीदों का भार है। बीजेपी ने कुलदीप के खिलाफ टिक-टॉक स्टार सोनाली फोगट को उतारा है। आदमपुर कुलदीप विश्नोई का अभेद्य किला है। ऐसे में कुलदीप विश्नोई को लगातार चौथे बार चुनाव जीतने का पक्का भरोसा है।

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