आत्मज्ञान के द्वारा जीवन को किया जा सकता है अनुशासित-स्वामी तन्मयानंद कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र में व्यक्तित्व विकास एवं कैरियर काउंसिलिंग पर सेमीनार


अंबिकापुर। राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र में 11 मार्च को एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन कृषि छात्रों के व्यक्तित्व विकास एवं कैरियर काउंसिलिंग विषय पर किया गया, जिसमें कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ.आरबी तिवारी ने युवाओं की प्रजातंत्र में भूमिका के बारे में अवगत कराया। युवाओं को नई सोच और विचार के साथ देश के विकास में भागीदार बनने हेतु प्रोत्साहित किया।
अध्यक्ष पतंजलि योगपीठ कमलेश सोनी ने योग, आयुर्वेद के महत्व से अवगत कराया, साथ ही योग से शांत मन, एकाग्रता, शारीरिक ऊर्जा से सकारात्मक सोंच उत्पन्न होने की बात कही। राष्ट्रीय कोच राजेश प्रताप सिंह ने खेल का युवा जीवन में महत्व पर सारगर्भिक प्रकाश डाला और बताया खेल से शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक विकास के साथ-साथ एकता की भावना विकसित होती है, जिससे समाज का उत्थान संभव है। सचिव स्वामी विवेकानंद सेवा समिति के स्वामी तन्मयानंद द्वारा विश्व शांति के बार में युवा पीढ़ी को प्रेरणास्पद जानकारी दी गई। उन्होंने बताया जीवन में शांति होने से ही विश्व में शांति होगी। आत्मज्ञान के द्वारा जीवन में किस प्रकार अनुशासन लाया जा सकता है एवं विश्व कल्याण में भागीदार बना जा सकता है, इससे भी अवगत कराया। डॉ.वीके सिंह, प्राध्यापक विज्ञान विभाग ने जलवायु परिवर्तन के काल में टिकाऊ विकास कैसे करें, इस बारे में युवा पीढ़ी के बीच अपने विचार प्रकट किए और टिकाऊ खेती कर मिट्टी एवं पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रमुख वैज्ञानिक डॉ.जीपी पैकरा द्वारा मधुमक्खी पालन से रोजगार का सृजन एवं डॉ.जहार सिंह ने मशरूम उत्पादन के बारे में जानकारी दी। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ.एसके सिन्हा प्रमुख वैज्ञानिक ने व कार्यक्रम का संचालन डॉ.नीलम चौकसे ने किया। इस मौके पर महाविद्यालय के अधिकारी डॉ.जितेन्द्र तिवारी, डॉ.आरएस सिदार, डॉ.एसआर दुबोलिया, किरण तिग्गा, डॉ.अरुण नायक, डॉ.सचिन जायसवाल, डॉ.अर्यामा भारती, विकास कुमार साहू सहित अन्य कर्मचारी व छात्र उपस्थित थे।

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