आईसीडीएस व पुलिस की संयुक्त टीम ने नाबालिक का विवाह रोका बाल विवाह के दुष्परिणाम और वैधानिक कार्रवाई की जानकारी दी स्वजनों को


अंबिकापुर। महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंच कर बाल विवाह रुकवाया। टीम ने नाबालिग बालिका व उनके स्वजनों को बाल विवाह के दुष्परिणाम व वैधानिक कार्रवाई के संबंध में समझाइश दी गई, जिस पर सहमत होते हुए उन्होंने वैवाहिक आयोजन को स्थगित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार अंबिकापुर जनपद के ग्राम बधियाचुआं में एक नाबालिग बालिका के विवाह कराए जाने की सूचना पर महिला एवं बाल विकास तथा पुलिस की संयुक्त टीम ने उक्त घर में दबिश दी और बालिका के स्वजनों से उसकी अंकसूची मांगी। अंकसूची में उल्लेखित जन्मतिथि के अनुसार बालिका की आयु 18 वर्ष से कम थी। इस पर टीम ने बालिका व उनके स्वजनों को समझाइश दी कि नाबालिग आयु में विवाह होने से कई गंभीर दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। बाल विवाह अपराध की श्रेणी में भी आता है। इसलिए उन्हें तत्काल विवाह रोकने की समझाइश दी गई। टीम ने कहा जब बालिका 18 वर्ष से अधिक आयु की हो जाएगी तभी विवाह करें। ज्ञातव्य है कि कलेक्टर कुन्दन कुमार के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा बाल विवाह रोकने लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है, बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया जा रहा है। वहीं कम उम्र में बालक-बालिकाओं का विवाह कराने की सूचना पर तत्काल संयुक्त टीम मौके पर पहुंच कर ऐसे वैवाहिक आयोजनों की तस्दीक कर रही है। अगर वास्तव में किशोर उम्र के बच्चों का विवाह होना पाया जा रहा है, तो समझाइश देकर ऐसे आयोजनों को रोका जा रहा है।

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