1। भगत सिंह कोश्ययारी का जयंम 17 जून, 1942 को इंदाराखंड (पूर्वी इंदौर) के बागेश्वरा जिले में हुआ था।
2। भगत सिंह कोश्ययारी ने अनतरखंड के अल्मोहरा कॉलेज से मास्टर्स किया। उनके पास राजनीति में छात्र राजनीति के जरिये कदम रखे गए। वह पढ़ाई के दौरान 1961-62 में अल्मोड़ा कॉलेज में छात्रसंघ के महासचिव भी रहे।
3। कोश्यारी ने 1979 से 1985 और फिर 1988 से 1991 तक कुमाऊं विश्वविद्यालय की एक्जीक्यूटिव काउंसिल में प्रतिनिधित्व भी किया।4। भगत सिंह कोश्ययारी ने इसके बाद रा। शोवयसेवक संघ (आरएसएस) को भी जवाइन किया। वह शिशु के दौरान जेल में भी रहा। तीन जुलाई, 1975 को शिशु का विरोध करने पर वह गिरफ्तार हो गया। वह 23 मार्च, 1977 तक जेल में रहा।
5। भगत सिंह कोश्ययारी 1997 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित किए गए।
6। वर्ष 2000 में उत्तराखंड की अंतरिम सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए।
7। 30 अक्टूबर, 2001 को वह उत्तराखंड के दूसरे मुख्यमंत्री बने। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्य शिक्षा मंत्री रहने के दौरान ही राज्य बीजेपी के अधीक्षक भी रहे। 2002 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

शिवसेना और बीजेपी के बीच महाराजा में सरकार बनाने को लेकर खींचतान चल रही है।
8। 2002 विधानसभा चुनाव में वह कपकोट सीट से चुनाव जीते थे।
9। उन्हें 2002 से 2007 तक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दायित्व निभाया गया।
10। 2007 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने कपकोट सीट से जीत दर्ज की।
1 1। 2008 में भगत सिंह कोश्यारी राज्यसभा के सदसय को चुना गया।
12। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट से चुनाव जीता।
13। भगत सिंह कोश्ययारी ने अनतरखंड के पिथौरागढ़ में सरस्वती शिशु मंदिर, विवेकानंद विद्या मंदिर इंटर कॉलेज और नैनीताल में सरस्वती विहार हायर सेकेंडरी में भर्ती की स्थापना की।
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