अप्रूवल के बाद भी आखिर क्यों भारत में कोरोना टीकाकरण में हो रही है देरी

एक तरफ अमेरिका और चीन जैसे देश जल्दी से जल्दी अपनी आबादी का टीकाकरण करने में जुटे हैं, तो वही दूसरी तरफ भारत में कोरोना टीकाकरण को लेकर देरी हो रही है। भारत में कोरोना टीकाकरण के लाखों डोजो का अप्रूवल मिल जाने के बावजूद भी वे स्टोरेज या फ्रिज में ही पड़े हैं। दरअसल दूसरे देशों में टीकाकरण अप्रूवल के साथ ही शुरू हो गया, क्योंकि उन्होंने कीमत को लेकर डील समय से पहले ही कर ली थी। दूसरी तरफ भारत सरकार और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि कई महीनों से टीकाकरण की कीमत को लेकर तोलमोल में जुटे हैं, लेकिन अब तक उनका फाइनल समझौता नहीं हो पाया है।

यही कारण है कि दुनिया भर में भारत में कोरोना के मामले दूसरे नंबर पर होने के बावजूद भी 7 करोड़ डोज उपेक्षित पड़े हैं। रविवार को अदार पूनावाला सीरम के सीईओ ने कहा कि भारतीय अधिकारी 10 करोड़ डोज को 200 रुपए प्रति डोज (2.74 डॉलर) की स्पेशल कीमत की खरीद से सहमत हैं, जोकि यूके सरकार से ली गई 4-5 डॉलर की कीमत से कम है। कंपनी इन डोजो को बाजार में लोगो को 2-3 महीनो मे 1000 रुपए प्रति डोज बेचना चाहती है। दूसरी तरफ अमीर और विकसित देशों में कितना टीकाकरण महामारी पर नियंत्रण के लिए होना चाहिए यह मुद्दा रखा है, जोकि वैश्विक स्तर पर 10,000 से अधिक लोगों की जान हर दिन ले रहा है।

सोमवार को एक इंटरव्यू के दौरान मोदी के एम्स के डायरेक्टर और टास्क फोर्स के सदस्य रणदीप गुलेरिया का कहना है कि, ”जब आप अधिक मात्रा में खरीदारी करते हैं तो स्वभाविक रूप से आपके पास तोलमोल को लेकर अडवांटेज होता है।” उन्होंने बताया कि खरीद के लिए बातचीत चल रही है और साथ ही बाजार कीमत पर भी फैसला हो सकता है। गुलेरिया ने कहा कि खरीद सौदे पर किसी भी दिन हस्ताक्षर हो सकते हैं। मंगलवार को मीडिया ब्रीफिंग के दौरान स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन को जब अप्रूवल मिल जायेगा उसके बाद 10 दिनों के भीतर टीकाकरण शुरू करने की तैयारी है। हांलाकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कीमत या आपूर्ति समझौते पर हस्ताक्षर हो गए हैं या नहीं।

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