महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम झटका, सीबीआई जाँच में दखल नहीं

अनिल देशमुख की अर्जी ख़ारिज, शीर्ष अदालत ने 100 करोड़ की वसूली मामले में स्वतंत्र एजेंसी से जांच को बताया ज़रूरी । सुप्रीम कोर्ट ने सौ करोड़ की उगाही मामले में महाराष्ट्र सरकार व उसके पूर्व ग्रहमंत्री अनिल देशमुख को तगड़ा झटका दिया है। शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश को ललकार देने वाली उनकी याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया।

जस्टिस एसके कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि इस मामले में जैसे लोग शामिल हैं और जिस तरह के गंभीर आरोप हैं, उसकी स्वतंत्र एजेंसी से जाँच ज़रूरी है। पीठ का कहना है की , हम हाई कोर्ट के जाँच के आदेश में दखल नहीं देना चाहते। यह केवल प्रारंभिक जाँच है और जब इतने वरिष्ठ अधिकारी ने ऐसे गंभीर आरोप लगाए हैं, तो जांच कराने में कुछ भी गलत नहीं है। इससे पहले, देशमुख की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि आरोपों की क़ानूनन कोई अहमियत नहीं है। ऐसे में सीबीआई जांच का आदेश कैसे दिया जा सकता है। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली कराने का आरोप लगाया था।


सुप्रीम कोर्ट का कहना है की यह लोगों के भरोसे का सवाल है। जिसने यह आरोप लगाया है, वह आपका दुश्मन नहीं है। वह व्यक्ति एक मायने में आपका दाहिना हाथ हुआ करता था।
महाराष्ट्र सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, देशमुख ने ग्रहमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया है, ऐसे में बाहरी एजेंसी से जांच की जरुरत नहीं है। इस पर पीठ के सदस्य जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि हाई कोर्ट ने जब आदेश पारित किया था, तब देशमुख ग्रहमंत्री थे।