कुसमी/थाना सामरी के ग्राम डुमरखोली के पास ट्रक की चपेट में आने से दो युवकों की दर्दनाक मौत हो गई। शरीर में पहिया चढ़ने से शव के चिथड़े हो गए थे।
जिसके बाद परिजन और सर्व आदिवासी समाज एवं नागरिकों ने हिंडाल्को कंपनी के विरोध में प्रदर्शन करते हुए मृतक के परिजनों को मुआवजा राशि देने व मृतक के परिवार से एक व्यक्ति को हिंडाल्को में नौकरी देने की मांग को लेकर आज सुबह आठ से दोपहर 2 बजे तक शव को सामरी थाना के सामने सड़क पर रख प्रदर्शन कर चक्का जाम किया।
मामले की जानकारी लगते ही एसडीएम करुण डहरिया, एसडीओपी इमानुएल लकड़ा तथा तहसीलदार शशिकांत दुबे ने आक्रोशित ग्रामीणों को यह कह कर कि इंडालको कंपनी से उचित मुआवजा और नौकरी दिलवाने की पहल करेंगे।
अधिकारियों द्वारा विरोध कर रहे ग्रामीणों को प्रदर्शन समाप्त करने समझाईस देते रहे पर ग्रामीणों ने हिंडाल्को से लिखित में मुआवजा और नौकरी देने की बात की और उस पर अड़े रहे। इस बीच किसी अप्रिय घटना को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद थी।
इसके बाद हिंडाल्को के ठेकेदार मौके पर मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपए नगद और लिखित में मृतक के परिवार से एक को नौकरी देने के आश्वासन के बाद चक्का जाम समाप्त हुआ।
मिली जानकारी के अनुसार सामरी थाना के ग्राम पंचायत इदरीपाट के पारा आम्बाडिहार निवासी 25 वर्षीय सेलेस्टिन तिर्की, पिता जॉन फ्रांसिस तिर्की अपने दोस्त 20 वर्षीय दिलसाय बिरिजिया, पिता गुफा बिरिजिया के साथ अपने ससुराल सामरी के डुमरखोली बाइक से जा रहा था।
इसी बीच डुमरखोली मोड़ के पास एक अज्ञात ट्रक ने दोनों को कुचल दिया दोनों के शरीर पर पहिया चढ़ जाने से शव क्षत विक्षत हो गया था जिसे रात में ही पुलिस द्वारा शव को इकट्ठा कर कुसमी मर्च्युरी में रख दिया था।
जिसके बाद शव को पीएम पश्चात परिजनों को सौंप दिया गया।शव को सामरी थाना के सामने रख परिजन व सर्व आदिवासी समाज द्वारा चक्का जाम कर मुआवजा व हिंडाल्को में नौकरी की मांग करने लगे।
चक्का जाम की खबर लगते ही कुसमी एसडीएम करुण डहरिया, एसडीओपी इमानुएल लकड़ा, तहसीलदार शशिकांत दुबे धरना प्रदर्शन स्थल पर पहुंच सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष बसंत कुजूर, ब्लॉक अध्यक्ष सुनील नाग एवं प्रदर्शनकारियों से चर्चा कर चक्का जाम समाप्त करने की समझाइश दिये।
आंदोलनकारी अपने मांग पर अड़े रहे, इसके बाद हिंडाल्को के ठेकेदार जीएनसी ने मौके पर मृतक के परिजनों को दो-दो लाख रुपये नगद दिया तथा मृतक के परिवार से योग्यता अनुसार नौकरी देने का लिखित में आश्वासन दिया। तब दोपहर दो बजे आंदोलन समाप्त हुआ और दोनों शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।