
अम्बिकापुर/ कल 17 नवम्बर को छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। ऐसे में 15 नवम्बर को चुनाव प्रचार क्षेत्र में थम गया। 17 नवम्बर को प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे। लेकिन इस बीच प्रदेश के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव 15 नवम्बर की रात अचानक दिल्ली से हाईकमान के बुलावे पर देश राजधानी में थे। वहीं 16 नवम्बर को विशेष विमान से वे सरगुजा पहुंचे। टीएस सिंहदेव के कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि महादेव एप का मामला ऐन चुनावी समय में सामने आने पर प्रदेश में कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचा है और ऐसे में कांग्रेस हाईकमान पेशोपेश में है कि इसका यदि चुनाव पर प्रभाव पड़ा तो छत्तीसगढ़ के राजनीतिक समीकरण क्या होंगे? बताया जा रहा है कि सिंहदेव पुरी स्थितियों का रिपोर्ट देने नई दिल्ली पहुंचे थे। कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि लगातार ईडी की कार्यवाही और अब महादेव एप के कारण मौजुदा मुख्यमंत्री का चेहरा कहीं न कहीं धुमिल हुआ है। ऐसे में चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री का चेहरा टीएस सिंहदेव होंगे। 2018 के चुनाव में भी सिंहदेव का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय था। किन्तु राजनीतिक परिस्थितियां कुछ ऐसी बनी, जिसके बाद उनके नाम की घोषणा होते-होते रह गई थी। लेकिन अब परिस्थितियां टीएस सिंहदेव के अनुकुल होती दिख रही हैं।

पार्टी कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों की बातों को तब बल मिलता है जब टीएस सिंहदेव चुनाव के एक दिन पहले क्षेत्र में वोट मांगना छोड़ नई दिल्ली पहुंचे हुए थे। वह भी ऐसे समय में जब अम्बिकापुर सीट पर टीएस सिंहदेव की स्थिति को लेकर कहा जा रहा है कि उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। हालांकि सरगुजा जिले की तीनों सीट अम्बिकापुर, लुण्ड्रा एवं सीतापुर कांग्रेस के प्रभाव वाली मानी जाती हैं और सरगुजा पैलेस का यहां दबदबा रहता है। ऐसे में सीतापुर एवं लुण्ड्रा क्षेत्र की बात छोड़ भी दें तो अम्बिकापुर सीट से टीएस सिंहदेव की जीत सुनिश्चित है। ऐसे में क्या यह मान लेना चाहिए कि ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर हुए टीएस सिंहदेव को पार्टी हाईकमान नई सरकार में मौका देने को तैयार है।
क्या टीएस सिंहदेव कांग्रेस की ओर से अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं। इस बात को दूसरा बल इस बात से भी मिलता है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र के फ्रंट पेज पर छपे फोटो में एकमात्र सिंहदेव का वह फोटो हैं जो हाथ जोड़े वोट की अपिल करता सबसे सामने एवं बड़े साईज में दिख रहा है बाकि के चेहरे पिछे से सिंहदेव के साथ दिख रहे हैं। वहीं भूपेश है तो भरोसा है के नारे को हटा कर भरोसा बरकरार, फिर से कांग्रेस सरकार।
