अंबिकापुर। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गायनो सर्जन ने तीन फिट सात इंच की गर्भवती महिला का एलएससीएस कर चिकित्सकों ने जच्चा-बच्चा की जान बचाई। महिला की लंबाई कम होने के कारण चिकित्सकों के लिए ऑपरेशन करना मुश्किल था। 19 मई को स्पाइनल एनेस्थीसिया के तहत एलएससीएस किया गया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। बच्चे का वजन दो किलो है।
सूरजपुर जिले के भटगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम राजकिशोर नगर निवासी 29 वर्षीय गीता यादव की लंबाई तीन फिट सात इंच है, वह गर्भवती थी। स्वजन उसे प्रसव के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में भर्ती कराए थे। चिकित्सकों का कहना है कि महिला की लंबाई कम होने के कारण सामान्य प्रसव संभव नहीं था। स्पाइनल एनीस्थीसिया देना भी जोखिम भरा था। इस स्थिति में 19 मई को चिकित्सकों की टीम द्वारा 19 मई को स्पाइनल एनीस्थीसिया के तहत एलएससीएस किया गया। एलएससीएस के माध्यम से मां और बच्चे की जान बचाई गई। बच्चे का वजन दो किलो है। दोनों पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। एलएससीएस टीम में एनीस्थीसिया एचओडी डॉ. मधुमिता मूर्ति, गायनो एचओडी सर्जन डॉ. अविनाशी कुजूर, डॉ. आयुषी गुप्ता, सर्जन डॉ. आरएस मरकाम शामिल थे।
हाईरिस्क लेकर कराया सुरक्षित प्रसव
चिकित्सकों ने बताया कि महिला की ऊंचाई कम होने के कारण एनीस्थीसिया देना रिस्की होता है। जन्मजत किडनी विकार, हृदय विकार, हार्मोन परिवर्तन के कारण केस मुश्किल होता है। इस स्थिति में चिकित्सकों की टीम ने हाई रिक्स लेकर महिला का सुरक्षित प्रसव कराया।