सरगुजा : राष्ट्रपति ने मुख्य सचिव से मांगी जानकारी, लुण्ड्रा ब्लॉक के डुमरडीह में ड्रायविंग प्रशिक्षण का मामला

जिसे कलेक्टर, एसपी सरगुजा, जिला एवं जनपद सीईओ शिकायत के बाद भी बचाते रहे हैं, क्या मुख्य सचिव कोई कार्यवाही करेंगे?

अम्बिकापुर/ ग्रामीण साक्षरता सेवा संस्थान द्वारा ड्रायविंग प्रशिक्षण के मामले में किये गए भ्रष्टाचार के मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट अभय नारायण पांडेय के शिकायत पर आखिरकार देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संज्ञान लेते हुए, पूरे मामले में मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिख कर इस पर की गई कार्यवाही से सीधे याचिकाकर्ता को जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।

ज्ञात हो कि लुण्ड्रा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत डुमरडीह में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवाओं को ड्रायविंग प्रशिक्षण के नाम पर केवल समोसे खिला कर एक दो घण्टे की ट्रेंनिग दे, पूरी राशि हड़प ली गई थी, मामले की शिकायत कलेक्टर सरगुजा एवं जिला पंचायत सीईओ को भी की गई थी, किन्तु इस मामले में किसी ने संज्ञान नहीं लिया। इस मामले में लगातार समाचार पत्रों में छप रहे ख़बर के बाद संस्था द्वारा आरटीआई एक्टिविस्ट अभय नारायण पांडेय के ऊपर ही एफआईआर दर्ज करा दिया गया था, इसके बावजूद भी जिला कलेक्टर ने इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं करते हुए संस्था के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाले रखा। वहीं संस्था द्वारा हितग्राहियों को कैश देकर मामले को रफ़ा दफा करने का प्रयास किया गया था, जिसकी शिकायत एसपी सरगुजा से की गई थी, किन्तु उन्होंने भी इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं कि। इस मामले में लगातार आ रही खबरों के बीच कलेक्टर सरगुजा ने जिला रोजगार अधिकारी एवं मुख्यमंत्री कौशल विकास केंद्र सरगुजा के संचालक को भेज कर ऐसा जांच रिपोर्ट तैयार करवा दिया कि प्रशिक्षण सभी को बराबर मिला है 45 दिन का मिला है, जबकि हितग्राहियों ने स्वयं मीडिया के सामने स्वीकार किया था कि 3-4 दिन 2-2 घंटे का प्रशिक्षण मिला था, एक गाड़ी में 10-10 मिनट चलाने को दिया गया था।

अब देखना होगा कि राष्ट्रपति के आदेश के परिपालन में मुख्य सचिव क्या कार्यवाही करते हैं। क्या इस मामले में संस्था के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने वाले कलेक्टर, एसपी, जिला एवं जनपद के सीईओ एवं मुख्यमंत्री कौशल विकास केंद्र के जिला अधिकारियों पर भी कोई कार्यवाही होगी या फिर इस आदेश को भी यूँ ही हवा में उड़ा दिया जायेगा। इसी तरह इलेक्ट्रिशियन प्रशिक्षण के मामले सहित नरवा-गुरुवा-घुरूवा-बाड़ी मामले में भी याचिकाकर्ता ने राष्ट्रपति को शिकायत की है एवं जांच नहीं होने पर कहा कि माननीय हाईकोर्ट के शरण में जाएंगे।

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