शिवभक्तों की टोली के साथ निकली महाकाल की भव्य बारात


अंबिकापुर। श्री शिवशंकर कीर्तन मंडली द्वारा महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर प्रतापपुर नाका स्थित सहेली गली स्थित शिव मंदिर से परंपरागत तरीके से भोलेनाथ की बारात बाजे-गाजे के साथ निकाली गई, जिसमें महिला-पुरूष व बच्चे शामिल हुए। इसके पहले प्रति शनिवार को होने वाला रामायण पाठ हुआ। भोलेनाथ की बारात निकालने का यह 43वां वर्ष है। बारात में झूमते-नाचते शिवभक्तों की टोली शामिल हुई। नगर के मुख्य मार्गों से होते देर रात बारात पुलिस लाइन स्थित मां गौरी मंदिर पहुंची, यहां महाकाल शंकर और मां गौरी का शुभविवाह संपन्न हुआ। भंडारा प्रसाद ग्रहण करने हजारों की संख्या में यहां शहर के लोग पहुंचे। रविवार को बारात वापस केदारपुर सहेली गली स्थित शिवशंकर मंदिर पहुंचेगी, जहां वर पक्ष की ओर से आशीर्वाद समारोह के रूप में महाआरती पश्चात शाम सात बजे से विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
श्री शिव शंकर कीर्तन मंडली द्वारा महाशिवरात्रि पर महाकाल शंकर की बारात निकालने की परंपरा का यह 43वां वर्ष है। शनिवार को सुबह से ही सहेली गली स्थित शिव मंदिर में विविध धार्मिक अनुष्ठान हो रहे थे। बाजे-गाजे के साथ महाकाल की बारात जैसे ही मंदिर से बाहर निकली, श्रद्घालु महिलाओं के कदम थिरकने लगे। हर घर के दरवाजे पर पूजा का थाल और पुष्प लिए महिला-पुरूष खड़े थे। पुष्पवर्षा कर महाकाल व बारातियों का स्वागत किया गया। प्रति शनिवार को होने वाले अखंड रामायण के कारण बारात लगभग पांच बजे सहेली गली प्रतापपुर नाका स्थित श्री शिव मंदिर से निकली। रास्ते में शिव भक्तों की टोलियां विभिन्न रूपों में बारात में शामिल हुई। डीजे की धुन पर थिरकते शिवभक्तों के कारण वातावरण शिवमय था। भोलेनाथ की बारात मंदिर से रिंग रोड, महाराणा प्रताप चौक, भ_ी रोड, जोड़ा पीपल, देवीगंज रोड, स्कूल रोड होते हुए देर शाम पुलिस लाइन स्थित मां गौरी मंदिर पहुंची, जहां रात्रि में शुभविवाह के साथ धार्मिक अनुष्ठान हुआ। इस अवसर पर विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में शहरवासी प्रसाद ग्रहण करने पहुंचे। रविवार को बारात की वापसी के बाद सहेली गली स्थित शिव मंदिर मेंं आशीर्वाद समारोह होगा। महाआरती में शिवभक्त शामिल होंगे, इसके बाद भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान पार्षद आलोक दुबे, सिद्धार्थ मिश्रा, विनोद वर्मा, मंडली के अध्यक्ष राम परीखा पांडेय, किशोरीलाल गुप्ता, रामदेव राम, प्रमोद मिश्रा, विनोद वर्मा, रविंद्र दुबे बाबू, भोला नाथ विश्वकर्मा, संजू चौबे, दिलीप पांडेय, मनोज मिश्रा, अनित पुरी, संजय कुमार मिश्रा, श्रीराम पांडेय, हरिगोविंद, राजगीर, ऋषिकांत दुबे, विनय पांडेय, संजीव कुमार पांडेय, राजू, शैलेंद्र सिंह, बृजमोहन लाल, मुकेश तिवारी (पुजारी), नरेश यादव एवं धरनीधर सहित सभी सदस्य सक्रिय रहे।
जगह-जगह पूजा-अर्चना व स्वागत
बारात दौरान महाकाल की पूजा-अर्चना करने के लिए जगह-जगह श्रद्घालुओं की भीड़ उमड़ी। भोलेनाथ और बारातियों का स्वागत पुष्पवर्षा करके विधि-विधान से महाकाल की पूजा-अर्चना करते भक्त देखे गए। भगवान शिव की प्रतिमा को सुसज्जित विशेष रथ पर सवार किया गया था। शहर के हर मार्गों में बारात के स्वागत की तैयारियां की गई थी, फल, मिष्ठान्न, पानी रखकर बारात के आने का भक्तगण इंतजार कर रहे थे। नगर के भट्ठी रोड में ऋषिकांत सिंह टीनू, रविंद्र दुबे बाबू, कृष्णमोहन पाठक, जोड़ापीपल में मंदिर समिति के पदाधिकारियों, देवीगंज रोड में व्यापारी समूह ने आरती उतारकर महाकाल की बारात का श्रद्घाभाव से स्वागत किया।
उत्सवी रूप लिया महाकाल का बारात
महाशिवरात्रि के अवसर पर महाकाल के बारात निकलने का इंतजार शहरवासियों को रहता है। यह बारात अब आमजनों के लिए उत्सवी रूप ले चुका है। आयोजन में सहभागिता के लिए सामान्य शादी-विवाह की तरह शहर में निमंत्रण पत्र का वितरण भी किया जाता है। हर वर्ष महाकाल की ओर से वर पक्ष द्वारा तथा मां-गौरी की ओर से कन्या पक्ष द्वारा विवाह का कार्ड शहर में वितरित कर आयोजन में सहभागी बनने का आग्रह किया जाता है। इन सबके बीच महाकाल शंकर और गौरी के विवाह के मौके पर बड़ी संख्या में शहरवासी शामिल होने के लिए पहुंचते हैं।

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