राष्ट्रपति भवन में आम आदमी का ‘रॉयल लंच’ – श्रीलंका : वीकेंड पार्टी की तरह बेडरूम से लेकर जिम तक मस्ती कर रहे प्रदर्शनकारी, लोग बोले- यहां के वैभव से लगता ही नहीं है कि हम कंगाल देश में हैं

गंभीर आर्थिक व राजनीतिक संकट से जूझते श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन पर फिलहाल प्रदर्शनकारियों का कब्जा है। लगता है मानो कोई बड़ी सी वीकेंड पार्टी चल रही है, जहां बेडरूम से लेकर जिम तक लोग मस्ती कर रहे हैं, ठहाके लगा रहे हैं। राष्ट्रपति भवन के लॉन में खाना खाते लोग कहते हैं, यह शायद उनका पहला और आखिरी ‘रॉयल लंच’ है। सोशल मीडिया पर तमाम वीडियो आ रहे हैं, जिनमें लोग राष्ट्रपति के बेडरूम, जिम, डाइनिंग हॉल, स्वीमिंग पूल, किचन, लॉन और छत पर डेरा डाले हुए हैं। कोई बेड पर उछल-कूद कर रहा है, कोई पियानो बजा रहा है, तो कोई तकियों से खेल रहा है।

ये वक्त हिसाब का है

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, राजपक्षे भाइयों ने देश को लूटा है, अब समय आ गया वे जनता का चोरी किया सारा पैसा लौटाएं। पूरा देश बिजली, पानी और भोजन की कमी से त्रस्त है, यहां लगता ही नहीं है कि किसी कंगाल हो चुके देश में हैं। यहां दर्जनों एसी चल रहे हैं, जबकि लोगों को राज में रोशनी के लिए भी बिजली नहीं मिल रही।

दशकों के भ्रष्टाचार का खात्मा जरूरी

एक अन्य ने कहा, भ्रष्टाचार ही व्यवस्था बन गया है। आम लोगों की पीड़ा से राष्ट्रपति और उनके परिवार को फर्क ही नहीं पड़ रहा था, वे मुसीबतों से दूर यहां बैठकर दमन से के आदेश दे रहे थे। सिर्फ सेना की ताकत के कारण सत्ता से चिपके थे। एक दिन तो यह होना ही था।

वीडियो में दिखे आंदोलन के कई रंग – राष्ट्रपति के पलंग पर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ कुश्ती

राष्ट्रपति भवन पहुंचे लोग यहां की विलासिता देखकर भड़क गए। राष्ट्रपति गोतबाया के पलंग पर उछल-कूद करते और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ शैली की कुश्ती लड़ते प्रदर्शनकारियों के वीडियो भी सामने आए। प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी : स्थानीय मीडिया ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें राष्ट्रपति भवन में घुसने से रोकने के लिए लोगों पर गोलीबारी करते हुए काले कपड़े में सैकड़ों सुरक्षाबल नजर आ रहे हैं।

पूर्व राष्ट्रपति सिरिसेना ने नौ सूत्र सुझाए

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति और फ्रीडम पार्टी के अध्यक्ष मैत्रीपाला सिरिसेना ने कहा कि राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है। सिरिसेना ने मौजूदा संकट को दूर करने के लिए दस सूत्री प्रस्ताव दिए हैं।

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