मैदान से निजी उपयोग के लिए रास्ता निकालना चाहता है रसूखदार सरपंच ने कहा-मामले को लेकर तहसीलदार ने बुलाया और दी जेल भेजने की धमकी एक सौ से अधिक ग्रामीणों के साथ बरढोढ़ी की सरपंच पहुंची कलेक्टर के जनदर्शन में


अंबिकापुर। बच्चों के खेलने व सार्वजनिक उपयोग में आने वाले मैदान में एक रसूखदार की नजर होने और तहसीलदार से मुलाकात करने पर अभद्र व्यवहार करने की शिकायत को लेकर ग्राम पंचायत बरढोढ़ी की सरपंच, पंच सहित अन्य ग्रामीण मंगलवार को कलेक्टर सरगुजा के जनदर्शन में पहुंचे। इन्होंने बताया कि मैदान में बच्चे सुरक्षित खेल सकें व अन्य कार्यक्रम हो सके, इसके लिए बाउंड्री का निर्माण कराया जाना है, लेकिन मैदान से निजी उपयोग के लिए रास्ता की मंशा बनाए एक व्यक्ति के द्वारा रोक-टोक करने से उनकी परेशानी बढ़ गई है। सरपंच व ग्रामीणों का कहना है इसकी जानकारी तहसीलदार तक पहुंची लेकिन उनका रूख सकारात्मक नहीं रहा। उन्होंने पुलिस को बुलाने, थाने में प्राथमिकी दर्ज करा जेल भेजने की धमकी दे डाली। ऐसे में ग्रामीण जनता की मंशा को साकार करने वाले जनप्रतिनिधि खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या जनप्रतिनिधियों को किसी गलत काम को रोकने और अधिकारियों का सहयोग लेने का अधिकार नहीं है। शासकीय भूमि को सुरक्षित करने का प्रयास गुनाह है। गांव की सरपंच गांगी बाई राजहंस ने कहा है कि उन्हें तहसील में बुलाने के बाद इस प्रकार अपमानित करने के पीछे तहसीलदार की क्या मंशा थी, इसका जवाब उन्हें आज तक नहीं मिल पाया है। सरपंच ने मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह कलेक्टर से किया है और मैदान को सुरक्षित कराने आवश्यक पहल करने की मांग की है।
आवेदन देने के बाद भी नहीं हुआ सीमांकन
अंबिकापुर जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत बरढोढ़ी की सरपंच गांगी बाई राजहंस, वकील राम भूतपूर्व उपसरपंच, ग्राम सभा बैठक अध्यक्ष रामप्रसाद, गुलाब कंवर, मुन्नाराम, हरिशंकर, रीमा ठाकुर, महेश्वर ठाकुर, कुंदन राम, कमला, हीरामणी, शिवमोहन, गीता, रामबाई सहित लगभग 100 की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि शासकीय भूमि के संरक्षण को लेकर उन्होंने सीमांकन के लिए आवेदन दिया था लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं तहसीलदार के द्वारा बाउंड्रीवॉल निर्माण को रद्द कराने की धमकी दी गई है।
स्कूल सहित अन्य शासकीय भवन से लगा है मैदान
ग्रामीणों ने बताया कि मैदान के बीच से रास्ते की मांग जिस व्यक्ति के द्वारा की जा रही है, उसके पास जमीन की कमी नहीं है। मैदान को रास्ते में विभाजित करने पर मैदान छोटा पड़ जाएगा और शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पृथक हो जाएगा। मैदान एक आंगन की तरह है, जिससे स्कूल, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी भवन, उप स्वास्थ्य केंद्र लगा हुआ है। ऐसे में मैदान से कोई भी आना-जाना कर सकता है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि मैदान पर जिस व्यक्ति की नजर है, वह पूर्व में 2-3 एकड़ शासकीय भूमि पर कब्जा कर इसका पट्टा भी बनवा लिया है।

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