पीजी कालेज मैदान में भव्य आतिशबाजी के बीच बुराई के प्रतीक रावण का हुआ दहन

अंबिकापुर।भव्य आतिशबाजी और अपार जनसमूह के बीच बुधवार की देर शाम नगर के पीजी कालेज मैदान में बुराई के प्रतीक दशानन एवं मेघनाथ तथा कुंभकर्ण के पुतले का दहन किया गया। इस दौरान सभी ने अपने अंदर छिपे रावण का दहन करने का आह्वान आमजनों से किया। पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था के बीच राम-लक्ष्मण के प्रतीक स्वरूप बच्चों ने अग्नि बाण चलाकर रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले का दहन किया। भक्ति गीतों की मनोहारी प्रस्तुति और भव्य आतिशबाजी के बीच पूरे उमंग और उल्लास के साथ असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक रावण का पुतला दहन कर लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी।

कार्यक्रम में खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, अंबिकापुर महापौर डॉ अजय तिर्की, सरगुजा सेवा समिति के अध्यक्ष रजनी रविशंकर त्रिपाठी, नागरिक सेवा समिति के अध्यक्ष अजय अग्रवाल, श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष सफी अहमद, वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल सिंह मेजर, सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अजय बंसल, नागरिक समिति के महासचिव राजीव अग्रवाल, जेपी श्रीवास्तव, आलोक दुबे, सरगुजा सेवा समिति के भारत सिंह सिसोदिया, अखिलेश सोनी सहित अन्य अतिथियों ने प्रतियोगियों को पुरस्कृत किया तथा जिले वासियों को दशहरा पर्व की शुभकामनाएं दी।
अतिथियों द्वारा खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत को स्मृति चिन्ह दिया गया। इस दौरान सरगुजा पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता, एसडीएम प्रदीप साहू, एडिशनल एसपी विवेक शुक्ला, सीएसपी अखिलेश कौशिक सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

विजयादशमी पर्व पर सरगुजा सेवा समिति, नागरिक समिति एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में होने वाले रावण दहन उत्सव को लेकर दोपहर बाद से ही शहर में उमंग और उल्लास का वातावरण निर्मित हो गया था। शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों से भी बच्चे, बूढ़े, युवाओं के साथ महिलाओं का समूह कालेज मैदान की ओर कूच कर रहा था,ताकि अंतिम समय में रावण दहन उत्सव में शामिल होने पीजी कालेज मैदान में प्रवेश हेतु उन्हें परेशान न होना पड़े। इधर दोपहर में श्रीराम मंदिर से आयोजन समिति द्वारा बाजे गाजे के साथ निकाली गई। शोभायात्रा का मार्ग में जगह-जगह आत्मीय स्वागत किया गया।भव्य आतिशबाजी और पुष्प वर्षा कर लोगों ने शोभायात्रा का स्वागत किया। शोभायात्रा में लगभग सभी लोग भगवा वस्त्र धारण कर पहुंचे हुए थे एवं पूरे शहर को भगवा सामग्री से सजाया गया था,जिसके कारण पूरा शहर भगवामय दिखा। शोभायात्रा में उमड़े लोगों के जय श्री राम के नारों से पूरा शहर गूंज उठा।

शोभायात्रा शाम लगभग छह बजे पीजी कालेज मैदान पहुंची। शोभायात्रा के पहुंचने से पहले ही पीजी कालेज मैदान लोगों से खचाखच भर चुका था। प्रशासन द्वारा पार्किंग की बेहतर व्यवस्था किए जाने से वाहनों को खड़ा करने के लिए लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो रही थी। जनसैलाब के बीच राम, लक्ष्मण और हनुमान को विशाल मंच में लाया गया,
जहां समारोह के मुख्य अतिथियों द्वारा
श्री राम का राजतिलक किया।कलाकारों की भावपूर्ण भजनों की प्रस्तुति लगातार जारी रही। अतिथियों ने लोगों को विजयादशमी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए सभी की समृद्घि, खुशहाली की कामना की।

कार्यक्रम में संभाग स्तरीय रामचरित मानस गायन और लोकनृत्य प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त दलों को भी आयोजन समिति की ओर से पुरस्कृत किया गया। तत्पश्चात्‌ लगभग एक घंटे तक भव्य आतिशबाजी की गई। अलग-अलग रंगों और आवाज वाले पटाखों से समूचा शहर गुंजायमान होता रहा। एक से बढ़कर एक आतिशबाजी ने सभी का दिल जीता। लोगों की निगाह ऊपर आसमान की ओर रंग-बिरंगी पटाखों को देखने में ही लगी रही। आखिरकार वह घड़ी भी आई जब बुराई के प्रतीक रावण का दहन किया गया। मंच पर बैठे राम, लक्ष्मण और हनुमान को ससम्मान नीचे उतार मैदान में ले जाया गया जहां सबसे पहले प्रतीकात्मक रूप से कुंभकर्ण को तीर मारी गई फिर अग्नियुक्त बाण से क्रमशः मेघनाथ और दशानन पर वार किया गया। उमंग और उल्लासमय वातावरण में रावण दहन कार्यक्रम संपन्न होने के बाद लोगों ने एक-दूसरे को विजयादशमी पर्व की बधाई दी।

कार्यक्रम की भव्यता के लिए दिल्ली से विशेष तौर पर आतिशबाजी मंगाई गई थी इस दौरान लाइट शो के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम चलता रहा।पीजी कालेज मैदान में रावण दहन कार्यक्रम संपन्न होते ही आसपास की सड़कों पर घंटों जाम लगा रहा। पीजी कालेज मैदान से लेकर गांधी चौक तक आधे घंटे से भी अधिक समय तक जाम की स्थिति बनी रही और सुरक्षित ढंग से आवागमन जारी रखने पुलिस तथा यातायात के जवान पूरी मुस्तैदी से जुटे रहे। रावण दहन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गणमान्यजन और प्रशासनिक अधिकारी भी कालेज मैदान में पहुंचे।

कार्यक्रम को सफल बनाने में द्वितेंद्र मिश्रा,सत्येंद्र तिवारी,भंवर बाबा,दूधनाथ गोस्वामी,दीपक सोनी,आकाश गुप्ता,संजय अग्रवाल,महेंद्र अग्रवाल, राजेश कश्यप,प्रयाग साहू,मंजूषा भगत,करता राम गुप्ता,संजय अग्रवाल,संदीप जायसवाल,मुकेश अग्रवाल,राम गोयल,राधे गोयल,नीरज पांडे,आयुष पांडे, दिव्यांश केसरी का योगदान रहा।

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