ठाकरे ने खाली किया सीएम आवास शिंदे बोले- बेमेल गठबंधन को तोड़ें – उद्धव बोले- किसी शिवसैनिक के लिए पद छोड़ने को तैयार, पवार ने ठाकरे को दिया सुझाव एकनाथ को बनाएं मुख्यमंत्री

महाराष्ट्र के सियासी संकट में शिवसेना के बागी नेता और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे का पलड़ा भारी पड़ रहा है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने शिंदे को सीएम बनाने के संकेत दिए हैं। हालांकि, शिंदे गठबंधन तोड़ने की अपनी बात पर अड़े हैं। दरअसल, शिंदे ने अपने पास 46 विधायकों के होने का दावा किया है और इससे महाविकास आघाड़ी सरकार की स्थिति और कमजोर हो गई है। वहीं, सियासी उथल- पुथल के बीच सीएम ठाकरे बुधवार रात सरकारी आवास वर्षा से मातोश्री के लिए रवाना हो गए।

पवार ने बुधवार शाम ठाकरे से मुलाकात कर शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का सुझाव दिया। ठाकरे ने भी बागी विधायकों से सामने आने की अपील करते हुए कहा, किसी शिवसैनिक के लिए सीएम पद छोड़ने को तैयार हूं। पार्टी प्रमुख का पद भी छोड़ने को तैयार हूं। वहीं, शिंदे ने दोहराया कि शिवसेना का बेमेल गठबंधन से अलग होना जरूरी है। इससे पहले, शिंदे बागी विधायकों के साथ बुधवार सुबह सूरत से गुवाहाटी के एक होटल पहुंच गए। शिंदे ने दावा किया कि हम सीएम ठाकरे से कोई बात नहीं कर रहे हैं और न ही भाजपा से कोई प्रस्ताव मिला है। बाद में शिवसेना के सचेतक सुनील प्रभु ने व्हिप जारी कर सभी विधायकों को शाम पांच बजे तक बैठक में उपस्थित होने को कहा। पर, शिंदे ने विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि क्षिरवाल को पत्र भेजकर शिवसेना के मुख्य सचेतक पद से प्रभु को ही हटाने व बागी गुट के भरत गोगावले को पार्टी का नया मुख्य सचेतक बनाए जाने का प्रस्ताव भेजकर रुख मोड़ दिया। बागियों के अड़ियल रुख को देखते हुए प्रभु ने व्हिप वापस ले लिया। वहीं, पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने कहां, सम्मान ” पहले है। कुर्सी जाए, तो जाए।

सत्ता का गणित : अलग गुट के लिए 37 विधायक जरूरी दलबदल कानून से बचने व शिवसेना से अलग गुट को मान्यता दिलाने के लिए शिंदे को दो-तिहाई यानी 37 विधायकों की जरूरत है।
शिवसेना के कुल 55 विधायक हैं। शिंदे ने बुधवार को दावा किया कि उनके साथ जरूरी आंकड़े से अधिक विधायक हैं। वहीं, देर रात चार और विधायक उनके पास गुवाहाटी पहुंच गए।

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