कोरोना के बाद भी जीएसटी संग्रह लगातार पांचवें महीने 1.30 लाख करोड़ से ज्यादा – वित्त मंत्रालय ने कहा- तीसरी लहर के असर के बावजूद कुछ क्षेत्रों और खास तौर पर वाहन बिक्री में दिखा सुधार

महामारी के बावजूद जीएसटी संग्रह इस साल फरवरी में सालाना आधार पर 18 फीसदी बढ़कर 1.33 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। चालू वित्त वर्ष के दौरान यह लगातार पांचवा महीना है, जब जीएसटी वसूली 1.30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रही है। मासिक आधार पर पिछले महीने इसमें गिरावट देखने को मिली। जनवरी, 2022 में सरकार को जीएसटी से रिकॉर्ड 1,40,986 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। फरवरी, 2021 में यह संग्रह 1.31 लाख करोड़ रुपये रहा था।

वित्त मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में कुले जीएसटी वसूली में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) की हिस्सेदारी 24,435 करोड़ रुपये रही। राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) का योगदान 30,779 करोड़, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) का 67,471 करोड़ और सेस का 10,340 (माल के आयात से जुटाए गए 638 करोड़ सहित) करोड़ रहा। आईजीएसटी में आयातित उत्पादों से 33,897 करोड़ कर वसूली भी शामिल है। फरवरी में आयातित उत्पादों से वसूली 38% और घरेलू लेनदेन 10% ज्यादा रही।

सेस वसूली पहली बार 10,000 करोड़

वित्त मंत्रालय ने कहा कि महामारी की तीसरी लहर के कारण जीएसटी वसूली प्रभावित हुई है। 28 दिन का महीना होने की वजह से फरवरी में जनवरी के मुकाबले कम वसूली होती है। हालांकि, फरवरी में सेस से पहली बार सरकार को 10,000 करोड़ की कमाई हुई है। मंत्रालय ने कहा कि महामारी को छोड़ दें तो पिछले महीने कुछ विशेष क्षेत्रों और खासतौर पर वाहनों की बिक्री में सुधार हुआ है।

यूपीआई : 8.27 लाख करोड़ के लेनदेन

भारत देश में फरवरी, 2022 के दौरान एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये 8.27 लाख करोड़ रुपये (मूल्य के हिसाब से) का नकद रहित खुदरा लेनदेन हुआ है । यह आंकड़ा इससे पिछले महीने की तुलना में थोड़ा कम है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने मंगलवार को बताया कि फरवरी, 2022 में यूपीआई के जरिये कुल 452 करोड़ (4.52 अरब) लेनदेन हुए। जनवरी, 2022 के वक़्त देश में भीम यूपीआई के जरिये नकद रहित खुदरा लेनदेन 8.32 लाख करोड़ रुपये का रहा था। इस दौरान यूपीआई के जरिये कुल 461 करोड़ लेनदेन हुए थे।

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