सरकार की दो साल की उपलब्धि गिनाई स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने, कहा छत्तीसगढ़ के किसान हैं खुशहाल

सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंह देव ने बतायी सरकार की उपलब्धि, कहा घोषणा पत्र के हर विषय को पूरा करने प्रयासरत है सरकार, एक साथ सभी घोषणा पूरी करना किसी के लिए नहीं है मुमकिन, कोरोना के कारण काफी योजनाओं पर खर्च सीमित हुए हैं, सरकार राजस्व को बढ़ाने प्रयासरत, स्वास्थ्य विभाग है चुनौतीपूर्ण कार्य



अम्बिकापुर/ छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के दो वर्ष पूरा होने पर प्रदेश के पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने अम्बिकापुर के होटल मयूरा में पत्रकारवार्ता कर सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों को गिनाया। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि एक ओर दिल्ली में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं एवं ठंडी में रोड पर सो रहे हैं। कृषि बिल का विरोध कर रहे हैं, किन्तु सरकार उनकी सुनने को तैयार नहीं है। कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। किंतु केंद्र की सरकार को छत्तीसगढ़ से सीख लेनी चाहिए कैसे हमने यह व्यवस्था दी है कि प्रदेश का किसान खुशहाल है।

2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदी, मक्के की खरीदी का अच्छा रेट, लगभग 50 वनोपज को दर निर्धारित कर खरीदी की जा रही है। सरकार बनते ही पहले कैबिनेट में किसानों का कर्ज माफ हुआ, प्रत्येक वर्ष धान खरीदी केंद्र में बढ़ोतरी हो रही है, धान की खरीदी अधिक हो रही है, किसानों का पंजीयन बढ़ा है, यह सब प्रदेश में किसान हित में कैबिनेट में लिए गए फैसले का नतीजा है। दो वर्ष में हमारी सरकार ने किसान भाईयों के दिल जीता है और उनके हित में मांग के अनुरूप फैसले लिए हैं।

बेरोजगारी भत्ते पर किये गए सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने जवाब देते हुए कहा कि बेरोजगारी भत्ते पर प्रत्येक महीने लगभग 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे, इस हिसाब से एक साल और पांच साल का निकाल लीजिए। उसी तरह शासकीय कर्मचारियों के वेतन विसंगति का मामला है, जो कम से कम कलेक्टर दर पर मील, इन सब घोषणाओं को पूरा करने हेतु कम से कम 10,000 करोड़ अतिरिक्त राजस्व की आवश्यकता है, इसके लिए अभी और कार्य करने की जरूरत है।

सभी घोषणाएं एक साथ पूरे नहीं किये जा सकते, सरकार एक लक्ष्य निर्धारित करती है, और जैसा राजस्व आता है, वैसा खर्च होता है, कई बार जरूरी कार्यों के लिए बैंक के माध्यम से कर्ज भी लिए जाते हैं। किंतु फिर भी सरकार ने बेरोजगारी को दूर करने आवश्यक कदम उठाये हैं कम से कम 3 लाख महिलाएं आज के समय समूह के माध्यम से गोठान एवं गोवर्धन योजना से जुड़ कर कार्य कर रहीं हैं और आय प्राप्त कर रही हैं। इसी तरह कई अन्य योजनाओं में भी कार्य कर रहे हैं।


स्वास्थ्य विभाग आपका अपना है जो लगातार समाचार पत्रों में बना रहता है क्या अनुभव है तथा यूनिवर्सल हेल्थ केयर स्किम कहां तक पहुंचा के सवाल पर, स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि यह विभाग मैंने खुद तय किया था, इसमें काफी चुनौतीयां हैं, जिसे हल करने लगातार प्रयासरत हूँ। मैं जब क्रिकेट खेलता था तब भी चुनौतियों में अच्छा बैटिंग और बॉलिंग करता था, ठीक उसी तरह यहां भी चुनौती पूर्ण कार्य करना अच्छा लगता है।

उन्होंने कहा कि मेरे स्वास्थ्य मंत्री कार्यकाल में 3 नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना की स्वीकृति मिली है, अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज को जीरो ईयर से उबारा गया है, यहां की बेहतरी के लिए लगातार प्रयासरत हूँ और चूंकि गृह जिला है तो यह प्राथमिकता है कि अपने कार्यकाल में मेडिकल कॉलेज की पूर्ण करा कर बेहतर सेवा लोगों को दिला पाऊं, छत्तीसगढ़ में डॉक्टरों की कमी को पूर्ण करने काम किया गया है, भर्ती प्रक्रिया मांग के अनुरूप हुई है, बहुत कम सीटों पर भर्ती बची है जो जल्द ही पूर्ण किया जाएगा। विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती हेतु प्रयासरत है, अभी लगभग 10% ही काम हुआ है, जिसमें काफी कुछ करना है और लगातार प्रयास कर रहे हैं।

यूनिवर्सल हेल्थ केयर स्किम का जो लक्ष्य था, उस पर कार्य शुरू कर दिया है, अभी 14 गंभीर बीमारियों पर 20 लाख तक मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के तहत दिया जा रहा है। वहीं आयुष्मान कार्ड की अनिवार्यता समाप्त करते हुए राशनकार्ड पर ईलाज हो रहा है, बीपीएल कार्ड पर 5 लाख तक और एपीएल कार्ड पर 50 हजार रुपये का ईलाज मिल रहा है, इसके अलावे खूबचंद बघेल योजना से भी लाभ दिया जा रहा है।

हम धीरे-धीरे यूनिवर्सल हेल्थ केयर स्किम की ओर बढ़ रहे हैं, अभी 14 गंभीर बीमारियों को मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना में लिया गया है, इस वर्ष बीमारियों की संख्या को और बढ़ाने की योजना है। हमारा लक्ष्य है दवाई निःशुल्क, सेवा निःशुल्क और ऑपरेशन निःशुल्क इसी के साथ हम धीरे-धीरे यूनिवर्सल हेल्थ केयर स्किम की ओर बढ़ रहे हैं।

इसी तरह पीएम आवास योजना, पीएमजीएसवाई, पेशा कानून, वनभूमि के व्यक्तिगत एवं सामुदायिक अधिकार, स्वच्छ भारत मिशन के तहत सामुदायिक शौचालय एवं एसएलआरएम सेंटरों का निर्माण, 702 नये पंचायतों का निर्माण एवं मनरेगा में बेहतर कार्य पहली बार छत्तीसगढ़ में हुआ है। हम प्रत्येक बिंदुओं पर, विषय पर एवं योजनाओं पर बेहतर क्रियान्वयन हेतु लगातार कार्य कर रहे हैं।

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