गुट बनाकर दाम बढ़ाने की चुनौती से निपटना जरूरी वित्तमंत्री ने कहा, इस वजह से भी तेजी से बढ़ रही महंगाई

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बाजारों में संभावित सांठगांठ पर चिंता जताई। कहा, यूक्रेन युद्ध और वैश्विक बाजार में कीमतों में तेजी के अलावा महंगाई बढ़ाने में सांठगांठ की भी अहम भूमिका है। इस चुनौती से निपटने के लिए इसका पता लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ शिकायतें हैं कि भारत जैसे बड़ी क्षमता वाले देश में भी सामग्रियों की लागत बढ़ गई है। इससे जिंसों की आपूर्ति में भी कमी देखने को मिल रही है।

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के कार्यक्रम में वित्तमंत्री ने कहा, बढ़ती कीमतों के पीछे सांठगांठ के अलावा अन्य कारण हो सकते हैं। उनकी बातों को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि देश में खुदरा और थोक महंगाई कई वर्षों के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई हैं। कहा, विलय-अधिग्रहण के नाम पर क्या हो रहा है, नियामक को इसे समझने की जरूरत है। मैं यह नहीं कह रही कि आप समझ के आधार पर इसमें सीधे शामिल हों, पर जानकारी रखनी चाहिए।

संवेदनशील बनें कंपनियां

दो वर्षों से आयोग ज्यादा सकारात्मकता के साथ चुनौतियों से निपट रहा है, जो ज्यादा जटिल होती जा रही हैं। यह तकनीक आधारित भी हैं। इसलिए आयोग के साथ कंपनियों को भी संवेदनशील बनना चाहिए।

आपूर्ति की कमी पर ध्यान देना चाहिए

सीतारमण ने कहा कि जिंस और कच्चे माल की पूरी दुनिया में कमी है। साथ ही पूर्वी यूरोप में महामारी और युद्ध की स्थिति के कारण वैल्यू चेन और आपूर्ति के साथ तमाम अड़चनें हैं। ऐसे कई चरण हैं, जिनमें व्यवधान आ रहे हैं। इन्हें देखना चाहिए कि ये कोरोना की वजह से आ रहे हैं या फिर युद्ध के कारण हो रहे हैं। ऐसे में आपूर्ति की कमी पर ध्यान देकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी ऐसा एकाधिकार न हो, जिससे कीमतें बढ़ें या आपूर्ति में गुटबंदी हो ।

कीमतों के पीछे कई और कारण हो सकते हैं : वित्तमंत्री ने कहा, सरकार चाहती है कि कोरोना महामारी के बाद से आर्थिक सुधार स्पष्ट और तेज हो। इसके साथ ही कंपनियों के पास भी नई चुनौतियों से निपटने के लिए क्षमता हो। कंपनियां हमारे सामने आगे बढ़ेंगी और यह होगा भी। इसलिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को इस बात की ज्यादा समझ होनी चाहिए कि यह क्या हो रहा है और यह विस्तार देश को किस ओर ले जा रहा है।

डिजिटलीकरण पर भी ध्यान दें कंपनियों को डिजिटलीकरण पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ चुनौतियां और प्रतिक्रियाएं दोनों हैं। डिजिटल उपकरण बाजार की ताकतें हैं, जिनका उपयोग ग्राहकों के फायदे के लिए होना चाहिए। इसका निष्पक्ष इस्तेमाल जरूरी है।

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