ऑनलाइन सुनवाई : मोबाइल के व्यवधान से सुप्रीम कोर्ट नाराज कहा-लगाना पड़ सकता है प्रतिबंध, 10 मामलों में सुनवाई स्थगित

सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने सोमवार को कई अधिवक्ताओं द्वारा मोबाइल फोन के उपयोग के कारण डिजिटल सुनवाई के दौरान बार-बार व्यवधान पर नाराजगी व्यक्त की। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उन्हें मोबाइल के माध्यम से सुनवाई में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाना पड़ सकता `है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ इस बात से नाखुश थी कि सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं की तरफ से ऑडियो या विजुअल या दोनों में व्यवधान के कारण सोमवार को सूचीबद्ध 10 मामलों में सुनवाई स्थगित करनी पड़ी।

शीर्ष अदालत मार्च 2020 से महामारी के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों की सुनवाई कर रही है और महामारी की तेजी से बदलती स्थिति के मद्देनजर समय-समय पर शर्तों में ढिलाई या सख्ती कर रही है। कोर्ट ने दो जनवरी को देश में अचानक ही कोविड-19 के मामले बढ़ने का संज्ञान लेते हुए सात जनवरी से सारे मामलों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करने का निर्णय लिया था। ये पीठ इस समय न्यायाधीशों के आवासीय कार्यालयों में बैठ रही है।

सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे हैं

क्या डेस्कटॉप नहीं रख सकते? पीठ ने एक मामले में टिप्पणी करते हुए, कहा, वकील अपने मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए पेश हो रहे हैं और दिखाई नहीं दे रहे हैं। वकील, आप अब सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे हैं और नियमित रूप से पेश हो रहे हैं। क्या आप बहस करने के लिए डेस्कटॉप (कंप्यूटर) नहीं रख सकते हैं?

उम्मीद है मुकुल राय की अयोग्यता पर दो सप्ताह में फैसला लेंगे अध्यक्ष

सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जताई कि भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में गए विधायक मुकुल राय को अयोग्य घोषित करने के बारे में प. बंगाल विधानसभा अध्यक्ष दो सप्ताह में फैसला ले लेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी के दूसरे सप्ताह तक सुनवाई टालते हुए कहा कि उम्मीद है तबतक इसपर फैसला ले लिया जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इसे आदेश के रूप में नहीं कह रहा है।

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