इस बार पुरे देश में सादगी के साथ मनाई जाएगी ईद – उल – फितर

मुस्लिम धर्मगुरुओं की अपील – कोरोना प्रोटोकॉल का करें पालन, न ही गले मिलें न हाथ मिलाए, बस दूर से ही कहें – ईद मुबारक

ईद -उल -फितर 13 मई गुरुवार को मनेगी या फिर 14 मई शुरुवार को, अभी तय नहीं हैं लेकिन इस बार ईद – उल – फितर कोविड प्रोटोकॉल और पाक -मन से सादगी से ही मनाई जाएगी। मस्जिदों में नमाज और सावर्जनिक कार्यक्रम नहीं होंगे।

मुस्लिम धर्मावलंबी न गले मिलेंगे और न मुसाफा ( हाथ मिलाना ) करेंगे। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदर मौलाना राबे हसनी नदवी की तरफ़ से जारी गाइडलाइन में है कि गले या हाथ मिलाने की बजाय इस बार बोलकर ही ईद की मुबारकबाद दें। बजारों में भीड़ न लगाए। यदि कहीं जमात में नमाज हो रही है तो एक सफ ( पंक्ति ) का गैप रखें और एक पंक्ति में नमाजी एक – एक मीटर की दूरी पर खड़े हों। बरेलवी धर्मगुरु मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि कोरोना महामारी को हराने के लिए हम सभी को सावधानी रखनी होगी।

ईद खुशियों का पर्व है, इसलिए इस अवसर पर हमें सब्र से काम लेना चाहिए। उन्होंने अपील की कि गले न मिले। एक दूसरे से हाथ भी न मिलाए। सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करें। देवबंदी मसलक के उलेमा ने लोगों से अपील की है कि ईद सादगी से मनाए। संक्रमण का दौर है, इसलिए ईद पर गले मिलने और मुसाफा से बचें। सामाजिक दूरी रखते हुए नमाज अदा करें।
जमीअत उलेमा – ए – हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि महामारी के मद्देनजर सावधानी बरतें और गले न मिलें। शिया मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि घर में रहकर ही ईद मनाए। जकात से गरीब बंदो, परेशान हाल बीमारों और मदरसों में ख़र्च करके सखावत का नमूना पेश करें।

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