अम्बिकापुर/सरगुजा के सामाजिक संस्थाओं की एक महत्वपूर्ण बैठक अम्बिकापुर स्थित ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में रखी गई। जिसमें सरगुजा पुलिस द्वारा नशा मुक्ति के लिए चलाए जा रहे नवा बिहान अभियान, सरगुजा की सामाजिक संस्थाओं की एकजुटता, शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में गठित समितियों में सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका सहित संस्थाओं को समय के साथ नवीन बदलाव करते हुए कैसे नये कार्यों एवं समस्याओं के प्रति तैयार किया जाये इस पर सभी ने चर्चा की। कार्यक्रम के प्रारंभ में जिले के एडिशनल एसपी विवेक शुक्ला ने पुलिस विभाग एवं एनजीओ के सहयोग से चलाए जा रहे नशा मुक्ति हेतु गठित नवा बिहान कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के लिए निचले स्तर से कार्य करने की आवश्यकता है। सामाजिक भागीदारी बेहद जरूरी है।पुलिस विभाग कई कार्यों में व्यस्तता के कारण इस पर जितना समय देना चाहिए नहीं दे पाती, ऐसे में सामाजिक संस्थाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि संयुक्त प्रयास से यह पूरा कार्यक्रम चल रहा है। सामाजिक संस्थाओं सहित ब्रम्हकुमारी एवं गायत्री परिवार के मार्गदर्शन में कई व्यक्तियों एवं परिवारों का काउंसलिंग कर नशे को दूर किया गया है, शुरुआती समय में यह अभियान काफी अच्छा चल रहा था, किन्तु कुछ समय से उतना असर नहीं दिख रहा है। इसलिए जिले के अन्य सामाजिक संस्थाओं को इसमें जोड़ कर इस कार्यक्रम को विस्तृत करने की योजना है।जिससे कि काफी अच्छा कार्य हो सके और उसका प्रभाव समाज में दिखे। आप सब आज जो भी जानकारी अथवा सुझाव देंगे वह हमारे लिए बेहद अहम होगा। हम सब आगे इस पर मिल कर कार्य करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान समाजसेवी वंदना दत्ता ने अम्बिकापुर के कई ऐसे क्षेत्रों की जानकारी सांझा की जहां नशा के बाद मुहल्ले की स्थिति खराब हो जाती है। कंपनी बाज़ार, गाड़ा घाट सहित अन्य स्थलों पर लगातार पेट्रोलिंग बढ़ाने पर जोर दिया। धरोहर संस्था के सुरेंद्र तिवारी ने पान ठेलों के पीछे बने ओपन एरिया को खाली कराने और वहां सिगरेट, शराब सहित अन्य नशीले पदार्थ के बढ़ते मामलों सहित पीजी कॉलेज में शाम होते ही नशा करते लोगों पर लगाम लगाने आवश्यक कार्यवाही की बात करते हुए ग्राऊंड के चारों ओर लाईटिंग की व्यवस्था की बात कही। राइड संस्था के अनिल द्विवेदी ने कहा कि संस्थाओं को समय के साथ-साथ अपडेट करने की आवश्यकता है, इस पर जरूरी बातें रखते हुए उन्होंने जिला प्रशासन खासकर कलेक्टर से सामाजिक संस्थाओं के पुराने संबंध एवं अब के अंतर को लेकर चर्चा की।।उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक संगठन एकजुट रहें और लगातार अपनी समस्याओं को लेकर सामूहिक चर्चा करें । तो अवश्य सकारात्मक हल निकलेगा। वहीं उन्होंने कहा कि सरकार शराब बनाती भी है, बेचती भी है फिर बैठ कर पीने की व्यवस्था भी करे, ताकि मुहल्लों में जो स्थिति निर्मित होती है उस पर लगाम लग सके। सामाजिक कार्यकर्ता अभय नारायण पांडेय ने कहा कि नियमित नशा करने वाले लोगों की स्थिति काफी खराब है, उनसे समाजिक संस्थाओं के लोग अकेले नहीं निपट सकते, वे वहां जाकर फंस सकते हैं, पुलिस, प्रशासन एवं सामाजिक संस्थाओं की संयुक्त टीम कार्य एवं कार्यवाही करें तो बेहतर परिणाम आ सकते हैं।
जशपुर मनरेगा लोकपाल राणा प्रताप सिंह सचिव नव युवा जागरण प्रतिष्ठान ने कहा कि पहले तो एनजीओ को एकजुट होने की आवश्यकता है ताकि हम अपने कार्यों को सही ढंग से मिलजुल कर चला सकें। सरकार से बहुत सहयोग की अपेक्षा न करें, हमने कभी सोचा नहीं था कि एक दिन सरकार एनजीओ को ठेकेदारी के मोड में ले आएगी, आज ठेकेदारों की तरह हम सामाजिक कार्य के लिए टेंडर भरते हैं । जब टेंडर भर कर पैसा देकर सामाजिक कार्य की बात हो रही है तो मूल्यों का ह्रास होना तो वाजिब है ।हम सब को समाज से सहयोग लेकर एकजुट होने की आवश्यकता है ताकि अपनी पहचान बनी रहे। उन्होंने गंगापुर एवं गाड़ा घाट क्षेत्र में रोज बनती अप्रिय स्थिति को लेकर कहा कि सरकार जब स्वयं शराब बेच रही है तो नशामुक्ति हेतु वाजिब काम कर पाना एक बड़ी चुनौती है। उमाशंकर पांडेय ने प्रशासन एवं समाज के बीच के गैप को लेकर अपने विचार रखते हुए कहा कि इस गैप को भरने के लिए प्रशासन को पॉलिसी स्तर पर कार्य करना चाहिए, अधिकारी-कर्मचारी ऐसे हों जो समाज में लोगों से सामंजस्य स्थापित कर सकें। साईं कॉलेज की प्रोफेसर किरण श्रीवास्तव ने कहा कि नशा मुक्ति हेतु नवा बिहान अभियान को सफल बनाने यूथ एवं पेरेंट्स की काउंसलिंग जरूरी है जब तक पेरेंट्स नहीं जानेंगे, समझेंगे पूरा प्रयास व्यर्थ है। गायत्री परिवार की सरस्वती तिवारी एवं अमृता ने स्कूल एवं घर के वातावरण को ऐसा बनाने की बात कही जिससे कि सामाजिक बदलाव की नींव रखी जाये, वहीं ऐसे स्थलों पर ज्यादा जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाये जहां समस्या ज्यादा है, साथ ही स्कूलों एवं कॉलेजों में लगातार कार्यक्रम करने की बात कही। राजेश ठाकुर ने अलग-अलग वैरायटी के मिल रहे ड्रग्स पर ध्यान खींचते हुए छोटे स्ट्रीट चाईल्ड के नशा में फंसने को लेकर चर्चा की। सरगुजा साइंस ग्रुप के अंचल ओझा ने कहा कि नशा मुक्ति और नवा बिहान अभियान की बात की सफलता इस पर निर्भर है कि पहले प्रशासन और पुलिस आमजनों की सुनने की आदत डालें । उनकी समस्या का निपटारा करे, गंगापुर शराब दुकान का उदाहरण देते हुए कहा कि कई सालों से लोग वहां से शराब दुकान हटाने की मांग कर रहे मुहल्ले के साथ साथ रोजगार कार्यालय आने वालों को दिक्कत होती है, किन्तु प्रशासन सुनना नहीं चाहती, फिर कैसे यह मान लें कि सरकार, प्रशासन और पुलिस नशा मुक्ति के लिए प्रतिबद्ध है, साथ ही पुलिस विभाग में समाज के बीच कार्य करने हेतु पॉलिसी स्तर पर बदलाव करने एवं शिकायत की गोपनीयता को बनाये रखने की बात कही। रुखसाना बेगम ने वार्ड लेबल पर नशा विरोधी टीम बनाकर कार्य करने की वकालत की। ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय अम्बिकापुर की संचालिका विद्या बहन ने कहा कि पहले हमें स्वयं को बदलने की जरूरत है, पॉजिटिव सोचने की आवश्यकता है, स्वयं बदल कर ही दूसरों को समाज को बदला जा सकता है। उन्होंने अध्यात्म से जुड़ कर, ब्रम्हकुमारी से जुड़ कर नशा से दूर हो रहे लोगों की उदाहरण दी। यातायात विभाग के प्रमुख जयराम चारमार्को ने कहा कि बताये गये स्थलों पर पुलिस पेट्रोलिंग बढाने की दिशा में हम कार्य करने की कोशिश करेंगे । उच्च अधिकारियों को इससे अवगत कराएंगे साथ ही सामाजिक संस्थाओं से आह्वान किया कि समाज के वर्तमान वातावरण को ध्यान में रखते हुए कार्य करने की जरूरत है। सुझाये गये विषयों पर कार्य करते हुए अपने आप को अपडेट करेंगे। आदित्य पिंटू गुप्ता आदिवासी जनजाति विकास समिति ने अपने उद्बोधन में कहा कि सामाजिक संगठनों को एक मंच पर आकर सामाजिक बदलाव में सहभागिता सुनिश्चित करना होगा। कार्यक्रम का संचालन चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी के निदेशक मंगल पांडेय एवं अनिल कुमार मिश्रा मुख्य कार्यकारी छत्तीसगढ़ प्रचार एवं विकास संस्थान ने की। इस दौरान सरगुजा के विभिन्न संस्थाओं से पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता काफी संख्या में जुटे।