
सांकेतिक तस्वीर
बुधवार को NIA ने ग्रेटर कश्मीर अखबार के दफ्तर समेत कई एनजीओ के दफ्तरों पर भी छापे मारे. इस कार्रवाई के जरिए एनआईए (NIA) आतंकियों को मिल रही आर्थिक मदद का पता लगाने की कोशिश कर रही है.
- Information18Hindi
- Last Updated:
October 28, 2020, 12:25 PM IST
एनजीओ की आर्थिक गतिविधियों पर है शक
एनआईए ने एनजीओ के अंदर हो रही रुपयों की आवाजाही का पता करने के लिए नया मामला दर्ज किया है. इसके तहत एनआईए पैसा के सोर्स, खर्च का पता लगाएगी. अधिकारियों के मुताबिक, इन एनजीओ के खिलाफ काफी समय से हावाला रैकेट, गलत तरीके से फंड जुटाने और आतंकियों को आर्थिक मदद देने के आरोप लगते रहे हैं.
उन्होंने बताया कि कम से कम तीन अन्य एनजीओ पर एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में कथित आतंकवाद को धन मुहैया कराने के मामले में छापे मारे. इन एनजीओ की स्थापना वर्ष 2000 में की गई थी. एनआईए के मुताबिक इन एनजीओ को अज्ञात दानदाताओं से पैसा मिल रहा था, जिसका इस्तेमाल आतंकवाद को आर्थिक मदद पहुंचाने में किया जा रहा था.पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
2019 में एनआईए ने ग्रेटर कश्मीर अखबार के एडिटर इन चीफ फयाज कालू (Fayaz Kaloo) से कुछ आर्टिकल्स के संबंध में पूछताछ की थी. यह आर्टिकल्स बुरहान वानी की मौत के बाद अखबार में प्रकाशित हुए थे. इसके अलावा 2016 में खुर्रम परवेज को उसके श्रीनगर स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, इस दौरान काफी विवाद खड़ा हुआ. आरोप लगाए जा रहे थे कि परवेज को बिना किसी अरेस्ट वॉरंट के हिरासत में लिया गया है. 76 दिनों तक हिरासत में रहने के बाद सेशन कोर्ट ने उसकी रिहाई के आदेश जारी किए, ताकि उसे दोबारा पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जा सके. (इनपुट: भाषा)