मोटर दुर्घटना दावा में बीमा कंपनी 77 लाख देने हुई सहमत, प्रार्थी पक्ष को मिली वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा नेशनल लोक अदालत में कई लंबित प्रकरणों के साथ सर्वाधिक 37,254 राजस्व प्रकरणों का निराकरण


अंबिकापुर। अंबिकापुर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें कई लंबित प्रकरणों का निराकरण हुआ। जिला मुख्यालय अंबिकापुर में लोक अदालत के लिए 14 खंडपीठ, वाह्य न्यायालय सीतापुर में एक खंडपीठ का गठन किया गया था। संपूर्ण जिले में प्री लिटिगेशन के 140 तथा नियमित 1105 प्रकरण निराकृत हुए। परिवार न्यायालय अंबिकापुर में 25 प्रकरणों का निराकरण हुआ। राजस्व स्तर पर भी 37,254 प्रकरणों का निराकरण हुआ।
प्रथम अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, नीलिमा सिंह बघेल के न्यायालय में वर्ष 2018 से लंबित मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण में मृत मुकेश प्रजापति की पत्नी एवं माता-पिता की ओर से एक करोड़ 31 लाख 85 हजार 248 रुपये की क्षतिपूर्ति हेतु आवेदन पेश किया गया था। प्रकरण के लंबनकाल के दौरान मृतक के पिता की मृत्यु होने पर उसके पिता का नाम दावा प्रकरण से विलोपित किया गया था। मृतक की माता मानमति 75 वर्ष वृद्ध होने के कारण लोक अदालत में आने में सक्षम नहीं थीं। ऐसे में न्यायालय द्वारा उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित कराया गया और न्यायालय द्वारा स्वयं राजीनामा करने के बारे में उनकी स्वेच्छा, सहमति पूछकर मृतक की पत्नी प्रवीना प्रजापति से भी वीडियो कांफ्रंेसिंग के माध्यम से बात की गई। पक्षकार के मध्य हुए राजीनामा के आधार पर समझौता कराया गया, जिसमें बीमा कंपनी बजाज एलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी 77 लाख रुपये आवेदक को देने सहमति हुई। इस प्रकार क्लेम प्रकरण में पक्षकारों के बीच आपसी राजीनामा पर नेशनल लोक अदालत में प्रथम अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, नीलिमा सिंह बघेल एवं खंडपीठ के अन्य दो सदस्यों की उपस्थिति में निराकृत किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अंबिकापुर के सचिव अमित जिन्दल ने बताया कि इस बार के लोक अदालत में एक सफल कहानी यह रही कि न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी में लंबित आपराधिक प्रकरण क्रमांक 1489/2021 के न्यायालय में एक प्रकरण शासन प्रति शिवनंदन बेक वगैरह लंबित था, जिसमें अभियुक्त शिवनंदन बेक, आशा राम, बैरागी, गहंदुल राम, रूबिना सभी निवासी सरगुजा जिले के लुंड्रा थाना अंतर्गत ग्राम सिलसिला, चौकी रघुनाथपुर के थे। सभी राजीनामा हेतु उपस्थित हुए। प्रार्थी जितेंद्र पैकरा भी उपस्थित हुआ परंतु आहत श्वेता व सूरज, निवासी ग्राम सिलसिला व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो पा रहे थे। इसकी जानकारी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अंबिकापुर ने सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अमित जिन्दल को दी, जिस पर उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंबिकापुर विवेक शुक्ला से संचार माध्यम से सहायता का आग्रह किया, तब सुदूर कार्यरत प्रार्थी श्वेता व सूरज से संपर्क कर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं होने के कारण संबंधित थाना से आरक्षक भेज कर वीडियो कॉल के माध्यम से राजीनामा के संबंध में पूछा गया, जिस पर उन्होंने सहमति व्यक्त किया। उभयपक्ष की सहमति के बाद नेशनल लोक अदालत में बिना किसी डर, दबाव एवं लालच के आपसी सहमति से राजीनामा किया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रकरण का निराकरण होने से धन एवं समय की बचत हुई, जिस पर पक्षकारों ने खुशी जाहिर की।

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