फर्जी कंपनियों की संपत्ति पर सरकार की नजर

देश भर में फर्जी कंपनी बनाकर लोगों की संपत्ति हड़पने वालों की अब खैर नहीं है। इस मामले में केंद्र सरकार काफी सख्त हो चुकी है और ऐसे फर्जीवाड़े से बटोरी गई संपत्तियों के अधिकारियों को राज्य सरकार जल्द ही अपने कब्जे में लेने वाली है।

इस बारे में केंद्र सरकार ने कहा कि राज्यों को इस तरह के जोखिम अधिकारियों को दूर करने के लिए अपना ग्रीन सिग्नल भी दे दिया है। जानकारी के मुताबिक इस आदेश के कारण लगभग 2 लाख से ज्यादा फर्जी कंपनियों सरकार के निशाने पर हैं। राज्य सरकार जल्द ही इनकी संपत्तियों की जांच-पड़ताल करेगी।

देश में 2 लाख से ज्यादा चल रही फर्जी कंपनियों की संपूरकों के बावत केंद्र ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे सभी प्रभावशाली कंपनियों की संपत्तियों के गिरने के लिए और उनके द्वारा किसी भी तरह के लेन-देन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाएं।

दरअसल रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने कंपनी एक्ट के तहत लाखों कंपनियों के लाइसेंस कैंसल कर दिए हैं। इसी को लेकर मेट्रो अफेयर्स और लॉ एंड जस्टिस मिनिस्ट्री के राज्य मंत्री जीबी चौधरी ने सभी राज्य सरकारों के मंत्रियों के साथ बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री चौधरी ने राज्य सरकारों के अधिकारियों से कहा कि

पूरे देश में जमीनों का बोझरा कम्प्यूटराइज्ड हो गया है और ऐसे में फर्जी कंपनी के संपीड़ित संगठनों को पता लगाने में लिंग नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह की फर्जी कंपनियों के संदिग्ध संपीड़न अधिकारियों पर कड़ाई से नजर रखें और साथ ही साथ कंपनी के निदेशक और ऑथराइज्ड सिग्नेटरी के लेन-देन को भी पूरी तरह से बैन करें और इस पूरे मामले की जानकारी केंद्र सरकार से साझा करें।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने देश में 2 लाख 10 हजार फर्जी कंपनियों को चिन्हित कर उनका पंजीकरण कैंसिल कर दिया था और मौजूदा समय में केंद्र सरकार की अनदेखी उनके अवैध संपूरक अधिकारियों पर भी है। जिनके गिरने के लिए केंद्र ने राज्यों के जिला प्रशासन को भी शामिल किया है।

  • Information18Hindi
  • आखरी अपडेट:
    31 अक्टूबर, 2017, 6:22 PM IST

देश भर में फर्जी कंपनी बनाकर लोगों की संपत्ति हड़पने वालों की अब खैर नहीं है। इस मामले में केंद्र सरकार काफी सख्त हो चुकी है और ऐसे फर्जीवाड़े से बटोरी गई संपत्तियों के अधिकारियों को राज्य सरकार जल्द ही अपने कब्जे में लेने वाली है।

इस बारे में केंद्र सरकार ने कहा कि राज्यों को इस तरह के जोखिम अधिकारियों को दूर करने के लिए अपना ग्रीन सिग्नल भी दे दिया है। जानकारी के मुताबिक इस आदेश के कारण लगभग 2 लाख से ज्यादा फर्जी कंपनियों सरकार के निशाने पर हैं। राज्य सरकार जल्द ही इनकी संपत्तियों की जांच-पड़ताल करेगी।

देश में 2 लाख से ज्यादा चल रही फर्जी कंपनियों के संपूरकों के बाबत केंद्र ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे सभी प्रभावशाली कंपनियों की संपूरकों की पड़ताल करें और उनके द्वारा किसी भी तरह के लेन-देन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाएं।

दरअसल रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने कंपनी एक्ट के तहत लाखों कंपनियों के लाइसेंस कैंसल कर दिए हैं। इसी को लेकर मेट्रो अफेयर्स और लॉ एंड जस्टिस मिनिस्ट्री के राज्य मंत्री जीबी चौधरी ने सभी राज्य सरकारों के अधिकारियों के साथ बैठक की है। बैठक में केंद्रीय मंत्री चौधरी ने राज्य सरकारों के अधिकारियों से कहा कि पूरे देश में भूस्खलन की आशंका कंप्यूटराइज्ड हो गई है। और ऐसे में फर्जी कंपनी के संपूरक अधिकारियों को पता लगाने में देर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह की फर्जी कंपनियों के संदिग्ध संपीड़न अधिकारियों पर कड़ाई से नजर रखें और साथ ही साथ कंपनी के निदेशक और ऑथराइज्ड सिग्नेटरी के लेन-देन को भी पूरी तरह से बैन करें और इस पूरे मामले की जानकारी केंद्र सरकार से साझा करें।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने देश में 2 लाख 10 हजार फर्जी कंपनियों को चिन्हित कर उनका पंजीकरण कैंसिल कर दिया था और मौजूदा समय में केंद्र सरकार की अनदेखी उनके अवैध संपूरक अधिकारियों पर भी है। जिनके गिरने के लिए केंद्र ने राज्यों के जिला प्रशासन को भी शामिल किया है।

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