सरगुजा दौरे पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, किसान के आत्महत्या सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरा

अम्बिकापुर/छत्तीसगढ़ विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक आज सरगुजा दौरे पर पहुंचे जहां उन्होंने बबौली पहुंचकर मृतक किसान के परिजनों से मुलाकात की, उन्होंने कहा की कांग्रेस 2 वर्ष के सत्ता का आनंद महोत्सव मना रही है और इधर किसान परेशान है कोई आत्महत्या कर रहा है और किसी का धान नहीं बिक रहा है। दशन राम को शराबी-शबाबी कहकर उनका अपमान किया जा रहा है।

अम्बिकापुर के विश्राम गृह में पत्रकारों को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि मैं दशन राम के परिवार से मिला। उसने ट्रैक्टर लोन का 2 किश्त नहीं पटाया था, जो 1 लाख से ऊपर था। कोरोना काल में झारखंड से मजदूर आने वाले थे, लेकिन नहीं आ पाए तो खुद छिंटाई कर धान लगाया था। ऐसे में फसल सही नहीं हो पाया और फसल से आवश्यकता के अनुरूप लाभ नहीं मिला। किसान द्वारा सिंचाई सुविधा विकसित करने की दृष्टि से भी लोन लेकर बोर कराया गया था, इस राशि को भी बैंक ने पीएम आवास से आई राशि से समायोजित कर लिया था। इससे किसान आर्थिक परेशानी के कारण काफी टूट चुका था। ऐसे में स्पष्ट है कि किसान ने कर्ज के बोझ से परेशान होकर आत्महत्या की गई है, जिसे सरकार द्वारा शराबी और कबाबी बताकर अपमान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दो वर्ष के कार्यकाल में ही प्रदेश 10 साल पीछे चला गया है। उन्होंने कहा कि कर्ज से डूबे होने के तनाव में आकर किसान दशन राम ने आत्महत्या की है लेकिन कांग्रेस सरकार उसे शराबी-कबाबी कहकर उसका अपमान कर रही है। भाजपा शासनकाल में चल रहे कई जनहित की योजनाओं को कांग्रेस सरकार ने बंद कर दी है। जिससे आमजनता को काफी परेशानी हो रही है, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंह देव यूनिवर्सल हेल्थ केयर स्किम की बात रखते हैं, वह कब तक आयेगा, कब फायदा मिलेगा पता नहीं, जनहित में स्मार्ट कार्ड योजना को जिसमें 50 हजार तक इलाज होता था, इस सरकार ने बंद कर दिया है, अब लोगों को इलाज के लिए सोचना पड़ रहा है।


ऐसी कई योजना है जो बंद कर दी गई है, जिससे जनता को काफी परेशानी हो रही है और ये 2 साल की उपलब्धि बता रहे हैं, ये उपलब्धि नहीं सरकार बनने का आनंद ले रहे हैं। चरण पादुका योजना, तेंदूपत्ता संग्राहकों का बीमा योजना बंद कर दिया गया है, पूछने पर जवाब नहीं है इनके पास क्यों बन्द किया गया। 2500 रुपये में धान खरीदी की बात करने वाले अब तक 2500 रुपये नहीं दे पाये हैं, कब तक लास्ट किश्त आयेगी, कोई समय सीमा नहीं है, सरकार रोज डेट बढ़ाते रहती है। मनरेगा जैसे काम का इस सरकार में बुरा हाल है। मनरेगा का आवंटन गोठान व चबूतरा निर्माण जैसे कार्यों में लगाए जा रहे हैं।

यह सरकार पूरी तरह केंद्र की राशि पर आश्रित है। केंद्र से मिलने वाले पैसे को अपना काम बता कर 2 साल पूरा होने का जश्न मना रहे हैं। पीएम आवास योजना में इस सरकार का कार्य बेहद खराब है, नगरीय निकाय 2 साल पीछे चल रहे हैं, ऐसे में नये काम कैसे होंगे समझा जा सकता है। गंगाजल की कसम खा कर सत्ता हथियाने वाली सरकार पूर्ण शराबबंदी करने वाली थी, सत्ता में आते ही सरकार के बोल और मानसिकता दोनों बदल गये। शराबबंदी के मामला मात्र चुनावी जीत का एक मोहरा था, लोगों से झूठ बोलकर आये, शराबबंदी करेंगे, अब शराब की होम डिलेवरी कर रहे हैं।

अम्बिकापुर विश्राम गृह में पत्रकारवार्ता को संबोधित करने के पूर्व वे मृतक किसान दशन राम के परिजन से मिलने ग्राम बबौली पहुंचे थे। उन्होंने उसके परिजन से मुलाकात कर त्वरित सहायता राशि के रूप में 11 हजार रुपए दिए हैं। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष से मिलने उदयपुर क्षेत्र के पंडो किसान भी अंबिकापुर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि वनभूमि की पट्टे की जमीन पर धान की खेती की थी, लेकिन सोसायटी ने धान खरीदने से इनकार कर दिया। जबकि पिछली बार उन्होंने इसी जमीन पर धान उगाकर बेचा था। उन्होंने बताया कि वे सभी 8 हजार से लेकर 30 हजार तक के कर्ज से दबे हैं।

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