अंबिकापुर। उदयपुर विकासखंड के देवगढ़ में रिहंद नदी पर लगभग 50 करोड की लागत से देवगढ़ व्यापवर्तन योजना को छत्तीसगढ़ के बजट 2023 में स्वीकृति मिल गई है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक टीएस सिंहदेव के प्रयास से इस महत्वकांक्षी योजना पर अब कार्य प्रारंभ हो जाएगा। इस सिंचाई योजना के कार्यान्वित होने उपरांत उदयपुर एवं लखनपुर विकासखंड के छह गांवों के 1200 हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई होगी। पीएचई इस बैराज के माध्यम से आसपास के गांवों में पेयजल सप्लाई की तैयारी भी कर रहा है। लंबे समय से क्षेत्रवासी इस योजना के धरातल पर उतरने का इंतजार कर रहे थे। टीएस सिंहदेव के प्रयास से यह महत्वपूर्ण योजना जमीन पर अब आकार लेने जा रही है। क्षेत्रीय विधायक लगातार क्षेत्र के किसानों के लिए कार्य कर रहे हैं। उनके प्रयास से ही आज श्याम घुनघुट्टा योजना का पानी नहर के अंतिम छोर तक पहुंच रहा है।
43 किलोमीटर लंबी नहरों से सिंचाई
इस योजना के लिए राज्य के वर्ष 2023 के बजट में 4930.26 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। योजना के तहत रिहंद नदी पर 125 मीटर लंबे बैराज का निर्माण किया जाएगा। इस बैराज की ऊंचाई छह मीटर होगी। इसके बाएं तट, नहर की लंबाई 12 किलोमीटर एवं दाहिने नहर की लंबाई 10 किलोमीटर होगी। उपनहरों की लंबाई 21 किलोमीटर होगी।
1200 हेक्टेयर में सिंचाई व पेयजल सुविधा का होगा विस्तार
इस सिंचाई परियोजना के माध्यम से उदयपुर व लखनपुर विकासखंड के छह गांवों में 12 सौ हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई होगी। इनमें 800 हेक्टेयर खरीफ एवं 400 हेक्टेयर रकबा शामिल है। योजना के कार्यान्वित होने के उपरांत आसपास के गांवों को पेयजल की आपूर्ति भी की जाएगी।
बरसात उपरांत कार्य होगा प्रारंभ
योजना को प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के साथ ही टेंंडर प्रक्रिया प्रारंभ कर दिया गया है। अगामी दो माह में टेंडर प्रक्रिया के पूर्ण होने की संभावना है। बरसात के उपरांत इस कार्य को प्रारंभ कर दिया जाएगा। अनुमान है कि दो वर्ष में यह व्यपवर्तन योजना कार्य करने लगेगा।