
जम्ममू-इंस्टीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद से हिरासत में नेता थे।
जम्ममू-कश्ती (जम्मू कश्मीर) से आर्टिकल 370 हटने के बाद ओरवर मीर, नूर मोहम्मद और शोएब लोन सहित अन्य को हिरासत में लिया गया था। तीनों को एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद गुरुवार को रिहा किया जाएगा।
मीर पीडीएफपी के राफियाबाद विधानसभा सीट से पूर्व विधायक रह चुके हैं, जबकि लोन ने कांग्रेस के टिकट से उत्तर कश्मीर से चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने बाद में कांग्रेस छोड़ दी थी। उन्हें पीपुल्स कांफ्रेंस प्रमुख सज्जाद लोन का करीबी माना जाता है।
शपथ पत्र देना होगा
नूर मोहम्मद नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकर्ता हैं। अधिकारियों ने बताया कि रिहा किए जाने से पहले नूर मोहम्मद एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर शांति बनाए रखने और अच्छे व्यवहार का वादा करेंगे। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र सरकार के पांच अगस्त के फैसले के बाद नेताओं, अलगाववादियों, कार्यकर्ताओं और वकीलों सहित हजार-अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था।हर रोज होता है बैठक
प्रवक्ता ने कहा कि राज्यपाल 5 अगस्त से शाम 6 बजे से eight बजे तक रोजाना दो घंटे के लिए स्थिति-सह-सुरक्षा समीक्षा बैठक कर रहे हैं। बैठक में शुरू में संवैधानिक बदलावों के मद्देनजर प्रतिबंध लगाने के बाद सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया। प्रवक्ता ने कहा कि स्थिति और सुरक्षा समीक्षा बैठकों में अतीत में लिए गए कुछ प्रमुख फैसलों में उच्च माध्यमिक विद्यालयों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को फिर से खोलना, सार्वजनिक परिवहन को फिर से शुरू करना और अतिरिक्त यात्रा काउंटर खोलना शामिल हैं।
संचार सेवाओं पर रोक और सुरक्षा कारणों के कारण डर रहा है परिजन
घाटी के ज्यादातर हिस्सों में बंद और संचार सेवाओं पर रोक के कारण सुरक्षा कारणों से परिजन अपने बच्चों को स्कूल या कॉलेज नहीं भेज रहे हैं ।5 अगस्त के बाद से लगातर कश्मीर में आम जनजीवन बाधित रहा। शहर में सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे, लेकिन 9-10 अक्टूबर को जहांगीर चौक पर निजी वाहनों की आवाजाही के चलते भीषण जाम लग गया। (पीटीआई इनपुट)