ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री सिंहदेव ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र कांकेर के चारामा में पेसा कानून पर की परिचर्चा

पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम की परिचर्चा में 16 ब्लॉक के प्रतिनिधि हुए शामिल

सिंहदेव ने नक्सल प्रभावित

छत्तीसगढ़ / ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव पेसा कानून पर परिचर्चा करने चारामा, कांकेर पहुंचे इस अवसर पर सर्वप्रथम उन्होंने सहयोगी समाज सेवी संस्था में चाइल्ड लाइन धमतरी 1098 के बच्चों के साथ मुलाकात की जहाँ संस्था के बच्चों द्वारा फ्रेंडशिप बैंड बांधकर उनका स्वागत किया गया। इसके उपरांत ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव ने स्व सहायता समूह द्वारा संचालित मशरूम उत्पादन केंद्र का लोकार्पण कर मशरूम की खेती व कड़कनाथ कुक्कुट के व्यावसायिक उत्पादन का अवलोकन किया। इसके साथ ही ग्राम सभा क्षेत्र में निर्मित गोटूल, कोर्र गुड्डा आदि स्थानों का अवलोकन किया।


पेसा कानून ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर व्यवस्था के लिए आवश्यक, इसके नियम ग्रामीणजनों द्वारा किये जायेंगे सुनिश्चित। : टी एस सिंहदेव

पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम
ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव ने पेसा कानून के पहले मसौदे पर चर्चा करते हुए कहा कि इस कानून के बनने के उपरांत से आदिवासी अंचल के निवासियों को कानून लागू करने का इंतज़ार था। उन्होंने कहा कि इस कानून में आदिवासी भाइयों-बहनों के लिए पूर्व से अनुसूचित क्षेत्रों में आरक्षण की व्यवस्था बनाई गई है लेकिन पेसा कानून के नियमों की स्पष्टता न होने पर अब तक समग्र संचालन नहीं किया जा सका है। पंचायत मंत्री ने विषय तौर पर स्पष्ट करतर हुए कहा कि इस कानून का उद्देश्य राज्य-केंद्र सरकार के अधिकारों का हनन नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों को दशकों से लंबित उनके अधिकार दिलाना है। ग्रामीण क्षेत्रों की समस्यों व संस्कृति को ग्रामवासियों से बेहतर कोई नहीं जान सकता है इसीलिए दिल्ली-रायपुर की जगह पेसा कानून ग्रामवासियों को परिस्थिति अनुरूप बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने में सहायक होगा।


क्या है पेसा कानून और किस प्रकार से होगा इस कानून का उपयोग?

2018 के जन-घोषणा पत्र का महत्वपूर्ण अंश रहा है पेसा कानून, इसे जल्द ही धरातल पर उतरना हमारा लक्ष्य है। : टी एस सिंहदेव

इस सभा में उपस्थित ग्रामवासियों में पेसा कानून को लेकर जानकारी का आभाव रहा जिसपर व्यक्तिगत रूप से स्पष्टता देते हुए पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि 1993 में हमनें (लोकसभा व राज्यसभा) देश की सर्वोच्च संसद से इस कानून (पंचायती राज) को पारित करावाया लेकिन नियमों के बिना यह कानून लागू नहीं किया जा सकता था।

पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि 2018 में हमनें अपने जन-घोषणापत्र में पेसा कानून को मुख्यतः से शामिल किया था लेकिन कोरोना काल में हुए विलंब उपरांत आज हम सभी जन-सहयोग व विचार-विमर्श से हम इस कानून को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब कानून ग्रामसभा के लिए है तब ग्रामिणों के विचार अत्यंत महत्वपूर्ण है, जल-जंगल-जमीन जैसे मुद्दों पर ग्रामवासियों का अधिकार है इसीलिए इन विषयों पर उन्हें प्रबंधन का अधिकार सुनिश्चित करना चाहिए, हमारा यह मानना है कि अपने चिन्हांकित कानूनों के लिए ग्रामसभा पूर्णतः सक्षम है।


सचिव, सभापति व समिति जैसे प्रावधानों पर हुई चर्चा, सभी प्रतिनिधियों से किया विचार-विमर्श

पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव से चर्चा करते हुए 16 ब्लॉक के प्रतिनिधियों ने कहा कि इस कानून के माध्यम से हम आँचलिक संस्कृति के संरक्षण व परंपराओं एवं प्रथाओं को बढ़ावा देंगे इसके साथ ही खनन, जल-संरक्षण एवं लघु-जलनिकाय, पारंपरिक देवी-देवताओं के स्थानों के संचालन, धार्मिक केंद्रों पर हस्तक्षेप, बाजार नियंत्रण की शक्तियों, शासकीय संस्थाओं व कर्मियों के नियंत्रण एवं नियमों के उल्लंघन व दंड, नशीले पदार्थों पर रोक जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं को पढ़कर प्रतिनिधियों के समक्ष रखा। पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव ने इस कानून के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, भूमि अधिग्रहण व अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी गंभीरता दिखाई एवं इसे पेसा कानून में शामिल किया जाने पर चर्चा की।
प्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि आपकी जागरूकता एवं बुद्धिमता को देखकर प्रसन्नता हुई। आप सभी के विचारों से हम ग्रामीण क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहा कि पेशा कानून के नियम बनाने के लिए उन्होंने कहा कि मैं प्रतिबद्ध हूं एवं बजट सत्र में हम इस कानून को विधानसभा में रखेंगे इसके उपरांत उन्होंने विश्राम भवन में ग्रामीण प्रतिनिधियों के साथ पेशा कानून के विषय पर चर्चा की एवं उनके सुझाव लिये। इस बैठक में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम, विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, विधायक श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव, कांकेर विधायक शिशुपाल सोरी, मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी, बिरेश ठाकुर लोकसभा प्रत्याशी, सुभद्रा सलाम, जिला अध्यक्ष (कांग्रेस), सोहन पोटाई सर्व आदिवासी समाज संरक्षक एवं सरपंच व गोठान समिति अध्यक्ष व अन्य वरिष्ठजन उपस्थित थे।

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