अब सामाजिक व्यवहार परिवर्तन संचार से सरगुजा में होगा विकास कार्यक्रमों का कायाकल्प

अम्बिकापुर/राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय,अंबिकापुर में विद्यार्थियों ने एक ग्रुप वर्क से स्वयं में संभावित परिवर्तन की आकांक्षा और समाज के लिए अपने दायित्व पर खुलकर बात की। यह ग्रुप वर्क बिहेवियर क्लब स्थापित करने हेतु हुई एक कार्यशाला के दौरान की गई। छात्रों ने खुलकर अपनी आकांक्षा, अपेक्षा और समाज के विकास में अपनी भूमिका पर बात की।
शहर के राजीव गांधी शासकीय कॉलेज तथा अलायन्स फॉर बिहेवियर चेंज यूनिसेफ के तकनीकी मदद और मार्गदर्शन में चालित सामुदायिक मंच के संयुक्त तत्वाधान में सामाजिक व्यवहार परिवर्तन एवं संचार को लेकर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
सामाजिक व्यवहार परिवर्तन एवं संचार के सिद्धांत को सरकारी और गैर सरकारी विकास कार्यक्रमों में लागू करके उसकी गुणवत्ता बढ़ाने की दृष्टि में युवा वर्ग, एनजीओ कर्मी, मीडिया कर्मी और महिला समूह को एक मंच पर कार्य करने की दृष्टि से यह कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें पीजी कॉलेज के समाज कार्य के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लेकर प्रजेंटेशन के माध्यम से व्यक्तिगत स्तर एवं सामाजिक स्तर पर अपनी सोच को प्रदर्शित किया। इस कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों को सामाजिक व्यवहार परिवर्तन एवं संचार के सात चरणों को बताते हुए इसके अभ्यास पर विशेष जानकारी दी गई।
उक्त संचार की गहनता को बताते हुए अलायन्स के स्टेट नोडल हेड मनीष सिंह ने कहा कि आगामी वर्षों में इसी संचार को प्रमुखता से लागू किया जाना है। इसलिए आवश्यक है कि इस संचार की तकनीकि पहलुओं और गुणों को समझे। उन्होंने एनजीओ कर्मी को समस्याओं की पहचान और उसके समाधान पर जानकारी दी और उनकी राय जानी। स्टेट नोडल हेड सिंह ने कहा कि समाज में व्यवहार परिवर्तन पर काफी कार्य किये जाने की जरूरत है, जैसे छत्तीसगढ़ में संस्थागत प्रसव का आंकड़ा 85% है जबकि प्रसव पश्चात माता द्वारा पहले एक घण्टे में स्तनपान का आंकड़ा केवल 35% ही है। अब समझना यह है कि इसमें सरकार क्या कर सकती है। यहां पर हमें सभी स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है।
इसी क्रम में उन्होंने कॉलेजों में बिहेवियर क्लब से वहां के विद्यार्थियों को रु ब रू कराया । उन्होंने कहा कि यह क्लब पूर्णतः स्टूडेंट द्वारा चालित होगा। इससे आप में वह सभी परिवर्तन आएगा, जिसकी आवश्यकता आपको और समाज को है। कॉलेज के शिक्षक मार्गदर्शन की भूमिका में इस क्लब को मदद करेंगे। इस दौरान दोनों कॉलेज में दो-दो मेंटर का चुनाव करके उन्हे क्लब का कीट प्रदान किया गया।
राजीव गांधी कॉलेज में विद्यार्थियों ने एक ग्रुप वर्क से अपने स्वयं में संभावित परिवर्तन की आकांक्षा और समाज के लिए अपने दायित्व बोध की बात की। इस कॉलेज के प्राध्यापक अभिषेक दुबे ने सीएसबीवी कोर्स की व्यापक जानकारी दी।
कार्यक्रम में अतिथि की भूमिका में उपस्थित एबीपी न्यूज के पत्रकार अमितेश पांडे ने भी समाज में व्यवहार परिवर्तन को लेकर बात की, उन्होंने कहा कि बरसात में बिजली गिरने पर आज भी लोग पीड़ित को गोबर के कण्डे से ढकते हैं, सर्प दंश पर झाड़फूंक कराते हैं, यह सब समाज के व्यवहार में ऐसे स्थापित हो चुका है कि अभी भी इस व्यवहार में परिवर्तन की काफी आवश्यकता है। इसलिए जरूरी है कि सरकार तो जो कर रही है करें ही हम सब अपने स्तर पर व्यवहार परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर लगातार चर्चा समाज में करते रहें, नियमित बातचीत और जागरूकता से ही व्यवहार परिवर्तन संभव है।
छत्तीसगढ़ अलायंस फ़ॉर बिहिवियर चेंज के सरगुजा संभाग प्रभारी मंगल पांडेय ने कार्यक्रम में छात्राओं से बात करते हुए स्वयं सेवक की भूमिका, समाज में उनकी जरूरत को लेकर चर्चा की और बताया कि सोशल वर्कर किसे कहा जाता है, उसमें क्या-क्या स्किल होने चाहिए, कैसे कार्य करना चाहिये, समाज की समस्या को कैसे चिन्हांकित कर उस पर कार्य योजना बता कर कार्य किया जाये, यह सोशल वर्क से जुड़े सभी छात्राओं को सीखना एवं पढ़ना, समझना होगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सरगुजा साइंस ग्रुप के अंचल ओझा ने सामाजिक समस्याओं के सभी क्षेत्रों में स्वयंसेवक की भूमिका पर विस्तार से छात्रों को बताया।
इस दौरान समाजसेवी वंदना दत्ता, स्नेहालय फाउंडेशन से ममोल कोचेटा, छत्तीसगढ़ प्रचार एवं विकास संस्थान से अनिल मिश्रा, साईं कॉलेज से अजय तिवारी, मुस्लिम लोक सेवा समिति से सुल्ताना सिद्दीकी सहित काफी संख्या में एमएसडब्ल्यू के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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